'कोई दया नहीं दिखाएंगे', 27 साल पहले 800 रुपये के लिए हत्या के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 800 रुपये के लिए हत्या के मामले में 14 दोषियों की आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी। अदालत ने इस अपराध को बर्बर बताते हुए दोषियों के प्रति कोई दया न दिखाने की बात कही। 1998 में गुदार मंडल नामक व्यक्ति पर चोरी का आरोप लगने के बाद उस पर और उसके परिवार पर हमला किया गया था, जिसमें गुदार की मौत हो गई थी। निचली अदालत ने 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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कलकत्ता हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा को रखा बरकरार। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि 800 रुपये के लिए किसी की हत्या कर देना बर्बर अपराध है। अदालत दोषियों पर कोई दया नहीं दिखाएगी। उन्हें सजा मिलनी चाहिए। हाई कोर्ट ने मंगलवार को हमला और हत्या के मामले में मालदा के 14 दोषियों की आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी।
न्यायाधीश राजशेखर मंथा और न्यायाधीश अजयकुमार गुप्ता की डिविजन बेंच ने कहा कि हथियारबंद 14 लोगों ने एक साथ मिलकर निहत्थों पर हमला किया, जिसका उद्देश्य हत्या और घायल करना था।
क्या है मामला?
बता दें कि 29 जनवरी, 1998 को 800 रुपये और एक मोटरसाइकिल की चोरी की घटना घटी थी। चोरी का आरोप गुदार मंडल नामक व्यक्ति पर लगा था। इस घटना के लगभग पांच महीने बाद गांव में पंचायत बुलाई गई थी। उस समय 14 लोग धारदार हथियार लेकर पहुंचे और गुदार और उसके परिवार पर हमला कर दिया था।
14 लोगों को सुनाई गई थी आजीवन कारावास की सजा
इस घटना में गुदार की मौत हो गई थी और उसके परिवार के कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना में निचली अदालत ने 14 लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। दोषियों ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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