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    अपने आप ठीक हो जाता है HMP वायरस, AIIMS के पूर्व निदेशक ने बताया- संक्रमित होने पर कैसे रखें ख्याल?

    Updated: Tue, 07 Jan 2025 06:54 PM (IST)

    एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सर्दी-खांसी से पीड़ित बच्चों और बुजुर्गों को घर पर रहने की सलाह दी ताकि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के प्रसार को रोका जा सके। बता दें कि देशभर में अभी तक एचएमपीवी के कुल सात मामले सामने आ चुके हैं। यह सभी मामले 3 महीने से 13 साल तक के बच्चों के हैं। उन्होंने कहा कि यह नया नहीं बल्कि पुराना वायरस है।

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    HMPV संक्रमण में कैसे रखें अपना ख्याल?

    आईएएनएस, नई दिल्ली। देशभर में मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में इजाफा हो रहा है। मगर स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है। इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के इलाज में एंटीबायोटिक्स की कोई भूमिका नहीं है। यह श्वसन से जुड़ी बीमारी है। उन्होंने लोगों से पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और पौष्टिक भोजन लेने की सलाह दी है।

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    काफी पुराना है HMPV

    उन्होंने कहा कि यह वायरस नया नहीं है। यह काफी पहले से ही मौजूद है। इसमें केवल हल्का संक्रमण होता है। मगर शिशुओं, बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों में यह निमोनिया का कारण बन जाता है। इस वजह से सांस लेने में दिक्कत आती है। अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है। डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक यह वायरस आमतौर पर अपने आप ही ठीक हो जाता है। अगर बुखार आ रहा है तो दवा लें, पानी पीते रहें और अच्छा पोषण वाला खाना लें।

    भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें

    डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि संक्रमण होने पर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। इससे संक्रमण का फैलाव नहीं होगा। वायरस का इलाज सिर्फ लक्षणात्मक है। बुखार और शरीर के दर्द को कम करने के लिए अच्छी मात्रा में पानी पियें। अगर खांसी और जुकाम जैसे लक्षण हैं तो एंटी-एलर्जिक दवा ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसकी कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा नहीं है। यह एक वायरल संक्रमण है। इस वजह से इसमें एंटीबायोटिक्स लेने की कोई अहम भूमिका नहीं है।

    सर्दी होने पर बच्चों को घर पर ही रखें

    डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर बच्चे को बुखार, सर्दी और खांसी है तो उन्हें कम से कम 5 से 7 दिनों तक घर पर रहना चाहिए, ताकि बच्चा स्कूल में दूसरों में संक्रमण न फैलाए। उन्होंने लोगों को नियमित हाथ होने और मास्क पहनने की सलाह दी है, ताकि फ्लू जैसी सांस की बीमारियों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से जो सबक हमने सीखा है, उसका सभी को पालन करना चाहिए। यह न केवल एचएमपीवी से बल्कि कोविड समेत अन्य इन्फ्लूएंजा संबंधी वायरस से भी बचाएगा।

    देशभर में कुल सात मामले

    देशभर में HMPV के कुल सात मामले सामने आ चुके हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु में दो-दो और गुजरात में एक मामला रिपोर्ट किया गया है। यह सभी मामले 3 महीने से 13 वर्ष तक के बच्चों के हैं।

    स्थिति पर बारीकी से नजर: जेपी नड्डा

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहली बार 2001 में पहचान की गई थी। यह कई वर्षों से पूरी दुनिया में फैल रहा है। यह श्वसन के जरिए हवा के माध्यम से फैलता है। खास बात यह है कि यह वायरस हर उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। मगर सर्दियों में यह अधिक फैलता है। जेपी नड्डा ने कहा कि चिंता की कोई वजह नहीं है। स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।

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