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    Khalistani Pannun: 'रॉ अधिकारी को बलि का बकरा बनाया गया', पन्नू की हत्या की साजिश में अमेरिकी आरोपों पर वकीलों का दावा

    Updated: Wed, 23 Oct 2024 08:43 AM (IST)

    Khalistani Pannun Case खालिस्तान समर्थक आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश में अमेरिका के आरोपों की पोल खुल गई है। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि पूर्व रॉ अधि ...और पढ़ें

    Khalistani Pannun Case पन्नू की हत्या की कोशिश में नया दावा आया सामने।

    जेएनएन, नई दिल्ली। Khalistani Pannun Case खालिस्तान समर्थक आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में अमेरिका के आरोपों की पोल खुल गई है। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव पन्नू को मारने की साजिश में शामिल थे, लेकिन अब उनके वकीलों ने बड़ा दावा किया है। 

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    बलि का बकरा बनाया गया

    वकीलों के अनुसार, विकास यादव को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बलि का बकरा बनाया जा रहा है। टीवी चैनल इंडिया टुडे से यादव के वकील आरके हांडू और आदित्य चौधरी ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

    ये भारत के खिलाफ साजिश

    अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी पन्नू  की हत्या की असफल साजिश में शामिल थे। विकास यादव के वकीलों ने कहा कि वो कभी देश से बाहर नहीं गए और न ही कभी विदेश यात्रा की। उन्होंने अमेरिकी आरोपों को भारत और सरकार के खिलाफ साजिश भी बताया।

    अमेरिका ने प्रत्यर्पण को लेकर भी उठाए सवाल

    वकीलों ने विकास यादव के खिलाफ उन आरोपों को भी खारिज किया जिसमें कहा गया है कि विकास पर पहले के जबरन वसूली के मामलों का इस्तेमाल उसे अमेरिका में प्रत्यर्पित होने से बचाने के लिए किया जा रहा है।

    वकीलों ने कहा कि यह भारत की पूरी न्यायिक प्रणाली पर संदेह करने के बराबर है। उन्होंने कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और अदालतें मामले की जांच कर रही हैं। यह कहना सही नहीं है कि मामला केवल उसके प्रत्यर्पण को रोकने के लिए दायर किया गया है।

    ये भी आरोप लगाए गए

    विकास यादव के खिलाफ ये आरोप न्यूयॉर्क की एक अदालत में दूसरे केस में लगाए गए थे। यादव के कथित सह-साजिशकर्ता निखिल गुप्ता पर पहले आरोप लगाए गए थे और उसे अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था।

    अभियोग में आरोप लगाया गया था कि यादव ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के लिए भारत और विदेश में व्यक्तियों के साथ सहयोग किया था।

    अभियोग में आरोप लगाया गया था कि यादव और गुप्ता ने 100,000 अमेरिकी डॉलर में हत्या को अंजाम देने के लिए एक व्यक्ति को रखा था, लेकिन बाद में पता चला कि किराए पर लिया गया हत्यारा वास्तव में एक एफबीआई मुखबिर था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पन्नू की नाकाम हत्या की साजिश पर अमेरिकी अभियोग में उल्लिखित व्यक्ति अब भारत सरकार द्वारा नियोजित नहीं था।