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    केरल के इस राजा ने पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में लिया हिस्सा, जानिए कौन हैं रमन राजमन्नन

    Updated: Sun, 26 Jan 2025 04:19 PM (IST)

    देश आज 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज के खास दिन पर कर्तव्य पथ पर परेड का आयोजन किया गया। इस खास मौके पर पहली किसी आदिवासी राजा को दिल्ली में परेड देखने के लिए बुलाया गया था। केरल के मन्नान समुदाय के राजा रमन राजमन्नन आज सुबह नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए। दिल्ली में वह कुछ दिन रहेंगे और फिर वापस रवाना हो जाएंगे।

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    केरल के मन्नान समुदाय के 'राजा' रमन राजमन्नन ने गणतंत्र दिवस की परेड में लिया हिस्सा। (फोटो- सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश आज 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस खास मौके पर देश की राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर परेड का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न हिस्सों से खास मेहमानों को भी आमंत्रित किया गया था।

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    इस कड़ी में केरल के मन्नान समुदाय के 'राजा' रमन राजमन्नन भी आज सुबह नई दिल्ली में 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित अतिथियों में शामिल हुए।

    उनके साथ उनकी पत्नी बिनुमोल भी उपस्थित रहीं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओ.आर. केलू ने राजमन्नन को गणतंत्र दिवस का निमंत्रण सौंपा। यह पहली बार था जब कोई आदिवासी राजा दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुआ।

    पहली बार आदिवासी राजा परेड में शामिल

    सबसे खास है कि केरल के एकमात्र आदिवासी राजा राजमन्नन और उनकी पत्नी बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए। गणतंत्र दिवस के दिन होने वाली परेड देखने के बाद वह कई अन्य स्थानों पर घूमेंगे। इसके बाद 02 फरवरी को वह वापस लौटेंगे।

    वहीं, मंत्री केलू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि यात्रा का खर्च अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। उन्हें इस विशेष अवसर पर सिर पर पहना जाने वाला कपड़ा, जिसे स्थानीय तौर पर थलप्पावु कहा जाता है, और पारंपरिक कपड़े पहनने थे।

    समारोह के दौरान दो मंत्री और सैनिक उनकी सहायता करेंगे। राजमन्नन इडुक्की जिले में 48 बस्तियों में रहने वाले आदिवासी कबीले मन्नान के 300 परिवारों के मुखिया हैं। मन्नान समुदाय के अनुष्ठानों और उत्सवों में राजा का विशेष स्थान है।

    2012 में संभाली थी बागडोर

    बता दें कि वर्ष 2012 में आर्यन राजमन्नन की मृत्यु के बाद अपने छोटे से राज्य की बागडोर संभाली। उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक किया हुआ है और एक किसान के रूप में एक साधारण जीवन जीते हैं। उनके पास कोई खास महल तो नहीं है, लेकिन वे एक साधारण घर में रहते हैं और अपने परिवार के साथ एक स्थानीय मंदिर का प्रबंधन करते हैं।

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