'लड़के-लड़कियां एक साथ करें नाचें, नहीं है स्वीकार', केरल के स्कूलों में जुंबा डांस शुरू, विरोध में उतरे मुस्लिम संगठन
केरल के स्कूलों में छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जुंबा डांस कार्यक्रम शुरू किया गया है। मुस्लिम संगठन इस पहल का विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि वे लड़कों और लड़कियों के एक साथ डांस करने या कम कपड़े पहनने को स्वीकार नहीं कर सकते।

त्रिचूर, एएनआइ। केरल के स्कूलों में छात्रों के बीच शारीरिक और मानसिक फिटनेस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुधवार को जुंबा डांस कार्यक्रम शुरू किया गया। हालांकि मुस्लिम संगठन इस पहल के विरोध में उतर गए हैं।
राज्य के शिक्षा विभाग ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि जुंबा डांस स्वैच्छिक है। जबकि शिक्षा मंत्री वी शिवांकुट्टी ने कहा कि किसी भी बच्चे को कम कपड़े पहनने के लिए नहीं कहा गया है। जुंबा डांस केरल के स्कूलों में चलाए जा रहे एंटी-ड्रग्स अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य छात्रों को शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से तनाव से निपटने में मदद करना है।
मुस्लिम संगठनों ने किया विरोध
जबकि दूसरी ओर इस पहल की आलोचना हो रही है। तिरुअनंतपुरम में 28 जून को मुस्लिम संगठनों की बैठक हुई, जिसमें राज्य शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में जुंबा डांस शुरू करने पर कड़ी आपत्ति जताई गई और यह कहा गया कि वे लड़कों और लड़कियों के एक साथ डांस करने या कम कपड़े पहनने को स्वीकार नहीं कर सकते।
छात्रों के अधिकारों का बताया उल्लंघन
इस विरोध की शुरुआत उस समय हुई, जब टीके अशरफ नामक शिक्षक और विजडम इस्लामिक संगठन के महासचिव ने फेसबुक पर लिखा कि वह और उनका बेटा इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। इसके बाद समस्त केरल जमीयततुल उलमा के प्रमुख नासर फैजी ने इस पहल की आलोचना की और कहा कि यह अनुचित है और छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन है।
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