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    केरल में वामपंथियों में आतंरिक विवाद, पीएम श्री योजना में शामिल होने पर CPI ने पिनराई सरकार पर साधा निशाना 

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 06:08 PM (IST)

    केरल में एलडीएफ गठबंधन में पीएम श्री योजना को लेकर मतभेद सामने आए हैं। सीपीआई ने शिक्षा मंत्री पर एकतरफा फैसले का आरोप लगाते हुए पिनराई सरकार की आलोचना की है। सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम ने सीपीएम पर गठबंधन नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी इस फैसले को गलत बताया है, जबकि भाजपा ने सीपीआई के विरोध का मजाक उड़ाया है।

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    केरल के सीएम पिनाराई विजयन। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल में सत्तारूढ़ गठबंधन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) में मतभेद सामने आए हैं। शिक्षा विभाग ने हाल ही में केंद्र सरकार के साथ पीएम श्री योजना में शामिल होने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके बाद सीपीआई ने पिनराई सरकार पर निशाना साधा है।

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    सीपीआई के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने इस कदम के पीछे गंभीर साजिश और शिक्षा मंत्री वी. शिवकुट्टी पर एकतरफा फैसला लेना का आरोप लगया है। सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी डी राजा को लिखे पत्र में विश्वम ने कहा कि सीपीएम ने गठबंधन के नियमों का उल्लंघन किया है।

    'अकेले ही ले लिया फैसला'

    विश्वम ने लिखा, "शिक्षा मंत्री ने अकेले ही यह फैसला किया। राष्ट्रीय नेतृत्व को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि इस हस्ताक्षर ने केंद्र के खिलाफ एलडीएफ की लड़ाई को कमजोर कर दिया है।

    सख्त कदम उठा सकती है सीपीआई

    सूत्रों का कहना है कि सीपीआई कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है, जिसमें कैबिनेट मीटिंग में शामिल न होना भी शामिल है और हो सकता है कि वह सिर्फ बाहर से समर्थन दे। इस बारे में पार्टी आज फैसला लेगी। साथ ही इस बारे में सीपीएम के राज्य सचिव एमवी गोविंदन से बातचीत करेगी।

    इस सुर में सुर मिलाते हुए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता पीके कुन्हालीकुट्टी ने भी पिनाराई विजयन सरकार के फैसले को एक बड़ी गलती बताया।

    भाजपा ने क्या कहा?

    इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने सीपीआई के विरोध का मजाक उड़ाया और इसे बेमतलब बताया। सुरेंद्रन ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "केरल ने आखिरकार PM SHRI पर साइन कर दिया है। देर आए दुरुस्त आए। केरल में सीपीआई का कोई मतलब नहीं है। पहले तो वे चिल्लाते हैं, लेकिन बाद में सरेंडर कर देते हैं। माओवादी एनकाउंटर से लेकर एडीजीपी अजित कुमार तक, कई उदाहरण यह साबित करते हैं। आखिर में, NEP को मंजूरी मिलेगी, सीएए लागू होगा और केंद्र जो कुछ भी लाएगा उसे केरल में लागू किया जाएगा।"

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