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    Telangana: 13 दिनों के बाद भी सुरंग में फंसे मजदूर, अब केरल पुलिस के ‘शव खोजी कुत्ते’ बचाव अभियान में हुए शामिल

    तेलंगाना सुरंग हादसे में बचाव दलों को 13 दिनों के बाद भी कोई सफलता नहीं मिल पाई है। सुरंग में फंसे आठ लोगों का पता लगाने के लिए अब केरल पुलिस के शव खोजने वाले दो कुत्तों की मदद ली जा रही है।इन कुत्तों को डीकंपोजिशन डॉग या कैडेवर डॉग भी कहा जाता है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुरोध पर कुत्तों को बचाव अभियान के लिए भेजा गया है।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 07 Mar 2025 07:10 AM (IST)
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    केरल पुलिस के ‘शव खोजी कुत्ते’ बचान में अभियान में हुए शामिल (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, नगरकुरनूल। तेलंगाना सुरंग हादसे में बचाव दलों को 13 दिनों के बाद भी कोई सफलता नहीं मिल पाई है। सुरंग में फंसे आठ लोगों का पता लगाने के लिए अब केरल पुलिस के शव खोजने वाले दो कुत्तों की मदद ली जा रही है। इन कुत्तों को डीकंपोजिशन डॉग या कैडेवर डॉग भी कहा जाता है।

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    कैडेवर डॉग्स को बचाव अभियान के लिए भेजा

    केरल सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब राज्य पुलिस के कैडेवर डॉग्स भी बचाव अभियान में शामिल हो गए हैं। कैडेवर डॉग्स को लापता लोगों और शवों का पता लगाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। ये डॉग्स और उन्हें संभालने वाले अधिकारी गुरुवार सुबह हैदराबाद के लिए रवाना हुए। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुरोध के बाद कैडेवर डॉग्स को बचाव अभियान के लिए भेजा गया है।

    22 फरवरी से आठ लोग फंसे हुए हैं

    गौरतलब है कि तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की सुरंग में 22 फरवरी से आठ लोग फंसे हुए हैं और एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना एवं अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

    रोबोटिक्स की टीम पहुंची

    वहीं, रोबोटिक्स कंपनी की एक टीम आंशिक रूप से ध्वस्त एसएलबीसी सुरंग के अंदर गई, जहां लोग फंसे हुए हैं। राज्य सरकार बचाव अभियान में रोबोट के इस्तेमाल की संभावना तलाश रही है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दिल्ली स्थित राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी बचाव दलों के साथ भूकंप संबंधी अध्ययन करने के लिए सुरंग के अंदर गए हैं।

    एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना बचाव अभियान में जुटे

    अधिकारियों के अनुसार, टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के अंतिम हिस्सों को गैस कटर का उपयोग करके काटा जाएगा और 'लोको ट्रेन' में सुरंग से बाहर लाया जाएगा। एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूर समेत आठ लोग फंसे हुए हैं और एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

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