केरल हाई कोर्ट से अभिनेता मोहनलाल को झटका, हाथी दांत के स्वामित्व प्रमाणपत्र अमान्य करार दिया
केरल हाई कोर्ट ने अभिनेता मोहनलाल के हाथी दांत स्वामित्व प्रमाणपत्र को अमान्य करार दिया। अदालत ने कहा कि वन विभाग द्वारा जारी प्रमाणपत्र कानूनी रूप से मान्य नहीं हैं। अदालत ने यह भी कहा कि यदि राज्य सरकार चाहती है कि मोहनलाल हाथी दांत के सामान रख सकें, तो उसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत नया नोटिफिकेशन जारी करना होगा। यह फैसला एक याचिका पर आया जिसमें सरकार के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई थी।

अभिनेता मोहनलाल। (फेसबुक)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल हाई कोर्ट ने कहा कि वन विभाग द्वारा अभिनेता मोहनलाल के पास रखे हाथी दांत के सामान के लिए जारी स्वामित्व प्रमाणपत्र अमान्य और कानूनी रूप से लागू नहीं हैं।
जस्टिस एके जयशंकरन नंबियार और जोबिन सेबेस्टियन की एक डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि यदि राज्य सरकार चाहती है कि अभिनेता हाथी दांत के सामान को बनाए रख सकें, तो वह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 40(4) के तहत एक नया नोटिफिकेशन जारी कर सकती है।
यह निर्णय कोच्चि के इलूर के पौलोस के ए द्वारा दायर एक याचिका पर आया, जिसमें राज्य सरकार के उन नोटिफिकेशनों को चुनौती दी गई थी जो अधिनियम की धारा 40(4) के तहत मोहनलाल को दो जोड़े हाथी दांत और 13 हाथी दांत के कलाकृतियों की घोषणा करने की अनुमति देते थे और इसके बाद अधिनियम की धारा 42 के तहत स्वामित्व प्रमाणपत्र प्राप्त करने की अनुमति देते थे।
याचिकाकर्ता ने तर्क किया कि वन विभाग ने प्रमाणपत्र जारी किए जबकि हाथी दांत से संबंधित आपराधिक मामले पहले से ही पेरुम्बवूर की न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालत में लंबित थे। बेंच ने यह भी बताया कि राज्य ने स्वीकार किया कि नोटिफिकेशन आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित नहीं किए गए थे, जो अनिवार्य है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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