AI के इस्तेमाल पर केरल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, अब नहीं कर पाएंगे उपयोग; जानिए पूरा मामला
केरल हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए AI के उपयोग पर नीति जारी की है। इस नीति के अनुसार जिला न्यायपालिका को निर्णय सुनाने या कानूनी तर्कों के लिए AI टूल्स का उपयोग करने से मना किया गया है। न्यायालय के अनुसार AI टूल्स का उपयोग केवल सहायक उपकरण के रूप में किया जाना चाहिए।

पीटीआई, कोच्चि। एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए केरल हाई कोर्ट ने एआई उपयोग की नीति जारी की है। इसमें जिला न्यायपालिका द्वारा निर्णय सुनाने या कानूनी तर्क-वितर्क के लिए ऐसे टूल्स के उपयोग पर विशेष रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। इस नीति को एआई सॉफ्टवेयर टूल्स की बढ़ती उपलब्धता और पहुंच को देखते हुए जारी किया गया है।
न्यायालय के सूत्रों के अनुसार, यह अपनी तरह की पहली नीति है। इसमें जिला न्यायपालिका को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है क्योंकि एआई टूल्स के अंधाधुंध उपयोग के नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। इनमें निजता के अधिकारों का उल्लंघन, डाटा सुरक्षा जोखिम और न्यायिक निर्णय लेने में विश्वास का हृास शामिल है।
एआई टूल्स का उपयोग नहीं करने का आदेश
नीति में कहा गया है, 'किसी भी परिस्थिति में किसी भी निष्कर्ष, राहत, आदेश या निर्णय पर पहुंचने के लिए एआई टूल्स का उपयोग नहीं किया जाएगा, क्योंकि न्यायिक आदेश, निर्णय या उसके किसी भी भाग की विषयवस्तु व सत्यनिष्ठा की जिम्मेदारी पूरी तरह से जजों की होगी।'
19 जुलाई को जारी नीति दस्तावेज के अनुसार, 'इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एआई टूल्स का उपयोग जिम्मेदारी से, सिर्फ सहायक उपकरण के रूप में और केवल अनुमति प्राप्त उद्देश्यों के लिए ही किया जाए। नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी परिस्थिति में एआई टूल्स का उपयोग निर्णय लेने या कानूनी तर्क के विकल्प के रूप में न किया जाए।'
नए दिशानिर्देश सभी पर होंगे लागू
- इस नीति का उद्देश्य न्यायपालिका के सदस्यों और कर्मचारियों को उनके नैतिक व कानूनी दायित्वों का पालन करने में मदद करना भी है, विशेषकर न्यायिक निर्णय लेने के सभी चरणों में मानवीय पर्यवेक्षण, पारदर्शिता, निष्पक्षता, गोपनीयता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के संदर्भ में। नीति दस्तावेज के अनुसार, 'इस नीति का कोई भी उल्लंघन अनुशासनात्मक कार्रवाई का कारण बन सकता है और इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही से संबंधित नियम लागू होंगे।'
- नए दिशानिर्देश राज्य में जिला न्यायपालिका के सदस्यों, उनकी सहायता करने वाले कर्मियों और केरल में उनके साथ काम करने वाले किसी भी प्रशिक्षु या विधि लिपिकों पर लागू होंगे। नीति में सभी प्रकार के एआई टूल्स को कवर किया गया है, जिनमें जनरेटिव एआई टूल्स और डाटाबेस शामिल हैं। जनरेटिव एआई के उदाहरणों में चैटजीपीटी, जेमिनी, कोपायलट और डीपसीक शामिल हैं।
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