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    'वोटिंग की वीडियो क्लिप्स संभाल कर रखना', सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से क्यों कहा ऐसा?

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 10:00 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को शुक्रवार को बड़ा आदेश दिया। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या बढ़ाने के फैसले के विरुद्ध याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान वह मतदान की वीडियो क्लिप्स को पहले की तरह संरक्षित करके रखे। कोर्ट ने चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए आदेश।

    नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1,200 से बढ़ाकर 1,500 करने के फैसले के विरुद्ध याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान वह मतदान की वीडियो क्लिप्स को पहले की तरह संरक्षित करके रखे।

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    दरअसल, प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने यह आदेश तब दिया जब इंदु प्रकाश सिंह की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर चुनाव आयोग के वकील ने जवाब देने के लिए समय की मांग की। सिंह ने प्रत्येक चुनाव क्षेत्र में हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के आयोग के अगस्त, 2024 के फैसले को चुनौती दी है।

    कोर्ट ने दिया है आयोग को तीन हफ्ते का समय

    बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चुनाव आयोग को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। सिंह ने याचिका में कहा है कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या बढ़ाने का फैसला मनमाना है और आंकड़ों पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा कि मतदान सामान्यतः: 11 घंटे होता है और एक मत डालने में 60 से 90 सेकेंड का समय लगता है।

    लिहाजा एक ईवीएम वाले एक मतदान केंद्र पर एक दिन में 490 से 660 व्यक्ति मतदान कर सकते हैं। औसत मतदान को 65.70 प्रतिशत मानते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस मतदान केंद्र पर 1,000 मतदाता मतदान कर सकते थे और उस पर लगभग 650 ने मतदान किया। ऐसे भी बूथ थे जहां मतदान 85-90 प्रतिशत तक था।

    याचिकाकर्ता ने क्या कहा?

    उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में करीब 20 प्रतिशत मतदाता या तो मतदान के समय के बाद तक पंक्ति में खड़े रह जाएंगे या प्रतीक्षा के लंबे समय की वजह से मतदान का अपना अधिकार छोड़ देंगे। प्रगतिशील गणराज्य या लोकतंत्र में इनमें से कोई भी स्थिति स्वीकार्य नहीं है। सिंह की याचिका पर 24 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी करने से इन्कार कर दिया था, लेकिन उन्हें याचिका की प्रति चुनाव आयोग के वकील को देने की अनुमति दी थी ताकि इस मुद्दे पर उसका रुख पता चल सके।

    SC ने केंद्र से मांगा है जवाब

    सुप्रीम कोर्ट ने 15 जनवरी को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की याचिका पर केंद्र सरकार एवं चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। इस याचिका में उन्होंने 1961 के चुनाव नियमों में हालिया संशोधनों को चुनौती दी थी। इन संशोधनों में सीसीटीवी फुटेज तक लोगों की पहुंच पर रोक शामिल है।

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