654 KM ट्रैक पर रेलवे कवच प्रणाली चालू, ट्रेन हादसों को रोकने में मिलेगी मदद
रेल मंत्रालय के अनुसार, स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 सितंबर 2025 तक 654 किलोमीटर रेलमार्ग पर काम करने लगेगी। यह प्रणाली 155 रेलवे स्टेशन और 2,892 इंजन पर स्थापित की गई है। कवच लोको पायलट को गति सीमा में ट्रेन चलाने में मदद करता है और विफल रहने पर स्वचालित ब्रेक लगाता है। वर्तमान में, यह कोटा-मथुरा, कोटा-नागदा और हावड़ा-बर्धमान खंडों पर चालू है।
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स्वचालित रेल सुरक्षा प्रणाली कवच सितंबर 2025 तक 654 किलोमीटर मार्गों पर चालू। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 सितंबर 2025 तक 654 किलोमीटर रेलमार्ग पर काम करने लगी है। रेल मंत्रालय ने यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत किये गए आवेदन के जवाब में दी है।
मंत्रालय ने बताया कि कवच प्रणाली 155 रेलवे स्टेशन और 2,892 इंजन पर स्थापित की गई है।रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि देश भर के सभी 18 रेलवे जोन में व्यापक कार्य चल रहा है तथा बहुत जल्द ही और अधिक क्षेत्रों में इस प्रणाली को स्थापित करने का काम शुरू हो जाएगा।
कवच से लोको पायलट को कई फायदे
कवच लोको पायलट को निर्धारित गति सीमा के भीतर ट्रेन चलाने में मदद करता है, यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो यह स्वचालित रूप से ब्रेक लगा देता है। इसे देश में ही डिजाइन, विकसित और तैयार किया गया है। इसका यात्री ट्रेनों में पहला क्षेत्र परीक्षण फरवरी 2016 में शुरू हुआ और जुलाई 2020 में इसे राष्ट्रीय स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली के रूप में अपनाया गया।
इन रेल रूट्स पर कवच प्रणाली लागू
आरटीआइ के तहत पूछे गए प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्रालय ने बताया कि 324 किलोमीटर के कोटा-मथुरा खंड पर 30 जुलाई, 2025 को यह प्रणाली चालू कर दी गई। इसके बाद 225 किमी के कोटा-नागदा खंड पर इस प्रणाली को सात अक्टूबर, 2025 को चालू किया गया।
इसके साथ ही, पूरे मथुरा-नागदा (549 मार्ग किमी) खंड को कवच 4.0 से लैस कर दिया गया है। उसने बताया कि कवच 4.0 को पूर्व रेलवे के 105 किमी हावड़ा-बर्धमान खंड पर भी चालू कर दिया गया है।

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