केरल में 16 साल की सबरी ने रचा इतिहास, कथकली करने वाली पहली मुस्लिम महिला बनी
केरल की 16 वर्षीय मुस्लिम लड़की सबरी ने कथकली नृत्य कर इतिहास रच दिया है। कलामंडलम में सबरी ने कृष्ण वेषम पुरप्पाडु पर प्रस्तुति दी और ऐसा करने वाली पहली मुस्लिम महिला बनीं। सबरी के पिता निजाम अम्मास ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की है। कलामंडलम केरल के शास्त्रीय नृत्य का केंद्र है जहां कथकली मोहिनीअट्टम और कूडियाट्टम जैसे नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के 8 शास्त्रीय नृत्यों में शामिल कथकली केरल की पहचान है। वैसे तो यह नृत्य सदियों से चला आ रहा है, लेकिन हाल ही में केरल के कलामंडलम में कथकली की ऐतिहासिक परफॉर्मेंस देखने को मिली है। 16 साल की मुस्लिम लड़की ने कथकली पर डांस करके नया कीर्तिमान रच दिया है।
16 वर्षीय मुस्लिम लड़की का नाम सबरी है, जो इन दिनों मीडिया पर जमकर सूर्खियां बटोर रहीं हैं। सबरी ने केरल के कलामंडलम में गुरुवार को कथकली पर परफॉर्म किया। इसी के साथ सबरी कथकली करने वाली पहली मुस्लिम महिला बन गईं।
दशहरा पर किया डेब्यू
गुरुवार को विजयादशमी के खास मौके पर सबरी ने कथकली डांस आर्टिस्ट के रूप में स्टेज पर अपना पहला डेब्यू किया। इस दौरान उन्होंने 'कृष्ण वेषम पुरप्पाडु' पर परफॉर्म किया।
सबरी का कहना है,
मैं बहुत खुश हूं कि आज मुझे मेरा सपना सच करने का मौका मिला। नृत्य मेरा जुनून है।
पिता ने जताई खुशी
सबरी के पिता निजाम अम्मास ने भी वीडियो जारी करते हुए बेटी की उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है। निजाम के अनुसार, "केरल के कलामंडलम स्टेज पर कथकली करके सबरी ने अपने सालों पुराने सपने को हासिल कर लिया है।"
क्या है कलामंडलम?
बता दें कि कलामंडलम को केरल के शास्त्रीय नृत्य का केंद्र माना जाता है। 1930 में मशहूर कवि वल्लथोल नारायण मेनन ने मुकुंदराज के साथ मिलकर इसकी स्थापना की थी। यहां कथकली के अलावा मोहिनीअट्टम और कूडियाट्टम जैसे नृत्य परफॉर्म किए जाते हैं।
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