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    करूर भगदड़ के लिए NDA जांच समिति ने प्रशासनिक लापरवाही को ठहराया जिम्मेदार, कमल हासन ने घटनास्थल का किया दौरा

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 10:00 PM (IST)

    तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली में हुई भगदड़ की जांच में राजग सांसदों ने इसे प्रशासनिक लापरवाही और खराब प्रबंधन का परिणाम बताया है जिसे टाला जा सकता था। रिपोर्ट के अनुसार स्थल केवल 2000-3000 लोगों के लिए उपयुक्त था जबकि 30000 लोग जमा हो गए थे। भगदड़ तब शुरू हुई जब विजय प्रशंसकों का अभिवादन करने लगे। कमल हासन ने भी घटनास्थल का दौरा किया।

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    करूर भगदड़ के लिए NDA जांच समिति ने प्रशासनिक लापरवाही को ठहराया जिम्मेदार (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को हुई भगदड़ की जांच करने वाली राजग सांसदों की जांच टीम ने इस घटना को गंभीर प्रशासनिक लापरवाही, खराब योजना और प्रबंधन की कमी के हुई त्रासदी करार दिया है। साथ ही कहा है कि इस आपदा को पूरी तरह से टाला जा सकता है।

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    अभिनेता से नेता बने और तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के प्रमुख विजय की इस रैली में मची भगदड़ में 41 लोगों की जान गई थी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।सांसदों ने भाजपा हाईकमान को सौंपी गई विस्तृत रिपोर्ट में कहा कि यह घटना बुनियादी सुरक्षा उपायों की पूरी तरह से अनदेखी का परिणाम थी।

    कितने लोगों के लिए उपयुक्त था स्थल

    रिपोर्ट में बताया गया है कि स्थल केवल 2,000-3,000 लोगों के लिए उपयुक्त था, जबकि विजय की रैली में लगभग 30,000 लोग एकत्रित हुए। यानी अत्यधिक भीड़भाड़ की स्थिति उत्पन्न हुई। हजारों समर्थक सुबह से ही आना शुरू कर चुके थे, वे भूखे-प्यासे थे। विजय इस रैली में कई घंटे देरी से पहुंचे थे।

    इसके चलते अभिनेता को देखने के लिए भीड़ बढ़ती गई। गवाहों के अनुसार, भगदड़ तब शुरू हुई जब विजय अपने प्रचार वाहन पर चढ़कर प्रशंसकों का अभिवादन करने लगे। समर्थक उन्हें करीब से देखने के लिए आगे बढ़े और इससे अफरा-तफरी मच गई। कुछ गवाहों ने बताया कि विजय ने प्यासे प्रशंसकों की ओर पानी की बोतलें फेंकीं, लेकिन इससे और अधिक अराजकता उत्पन्न हुई।

    बिजली आपूर्ति बाधित होने से और बिगड़ी स्थिति

    रिपोर्ट में व्यक्तिगत त्रासदियों का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें एक पिता शामिल है जिसने अपनी दो छोटी बेटियों को खो दिया। कई पीडि़तों के बारे में बताया गया है कि वे सड़क किनारे नाली में गिर गए और बाद में मृत पाए गए। स्थिति तब और बिगड़ गई जब बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई।

    जिला कलेक्टर ने न केवल अपर्याप्त स्थल को मंजूरी दी बल्कि सुरक्षा प्रोटोकाल को लागू करने में भी विफल रहे। सांसदों ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है और तमिलनाडु सरकार से जिम्मेदारी तय करने का अनुरोध किया है।

    कमल हासन ने किया भगदड़ स्थल का दौरा

    पीटीआई के अनुसार, अभिनेता और मक्कल नीडी माईम के प्रमुख कमल हासन ने सोमवार को भगदड़ स्थल का दौरा किया। उन्होंने स्थानीय लोगों और पीडि़तों के परिवारों से मुलाकात की और जानकारी ली। हासन ने इसे एक त्रासदी बताया और कहा कि इसके लिए आयोजक जिम्मेदार है।

    उन्होंने कहा कि अब गलती स्वीकार करने और माफी मांगने का समय आ गया है। उधर, विपक्ष के नेता एदप्पादी के. पलानीस्वामी भगदड़ के लिए द्रमुक सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और विस्तृत मीडिया रिपो‌र्ट्स से यह स्पष्ट है कि यह त्रासदी प्रशासनिक विफलता और राजनीतिक लापरवाही के कारण हुई। सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया।

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