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    Tamilnadu Stampede: करूर में कैसे मची भगदड़? पुलिस FIR से हुआ बड़ा खुलासा; सामने आई अंदर की जानकारी

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 06:08 PM (IST)

    तमिलनाडु के करूर में एक्टर विजय की रैली में भगदड़ मचने से 41 लोगों की जान चली गई जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार विजय की देरी के कारण भीड़ में अफरा-तफरी मची। FIR में इसे शक्ति प्रदर्शन बताया गया है। कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस बैरिकेड तोड़ने और छत पर चढ़ने से छत गिर गई जिससे कई लोगों की मौत हो गई।

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    करूर रैली हादसा विजय की रैली में भगदड़ (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के करूर में एक्टर और TVK प्रमुख विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ ने 41 लोगों की जान ले ली, जिनमें 18 महिलाएं और 10 बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस ने अपनी FIR में इस घटना को विजय का जानबूझकर किया गया ताकत का प्रदर्शन बताया है।

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    FIR के मुताबिक, रैली सुबह 9 बजे शुरू होनी थी और दोपहर तक बड़ी भीड़ जुट गई थी। विजय का भाषण दोपहर 12 बजे होना था, लेकिन वे रात 7 बजे पहुंचे। पुलिस का कहना है कि उनकी देरी से भीड़ में बेचैनी और अफरा-तफरी फैल गई।

    छत गिरने से लोगों की हुई मौत

    पुलिस ने बताया कि विजय का प्रचार बस कई जगहों पर बिना इजाजत रुकी, जिससे यह एक तरह का अनियोजित रोड शो बन गया। इस बीच TVK कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए और एक शेड की टिन की छत पर चढ़ गए। छत गिरने से कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।

    मचा राजनीतिक घमासान

    पुलिस ने दावा किया कि खाने-पीने और सुरक्षा के इंतजामों की कमी की चेतावनी दी गई थी, लेकिन पार्टी नेताओं ने इसे नजरअंदाज कर दिया। घटना के बाज राजनीतिक घमासान तेज हो गया। सत्तारूढ़ DMK और विजय की पार्टी TVK आमने-सामने हैं। TVK ने इसे साजिश बताया और मामले की CBI जांच की मांग की है।

    वहीं, DMK ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे इस घटना को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहते। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शांति बनाए रखने की अपील की और सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाने की सलाह दी।

    पुलिस पर भी उठे सवाल

    TVK नेताओं ने पुलिस पर भी आरोप लगाए कि बिजली काटी गई और एंबुलेंस भीड़ में घुस गई, जिससे भगदड़ और बढ़ गई। हालांकि, बिजली विभाग ने इसे खारिज किया और कहा कि भीड़ बढ़ने से जनरेटर और लाइटिंग सिस्टम बाधित हुआ था।

    ADGP डेविडसन देवासिरवथम ने बताया कि कार्यक्रम को हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा गया था और 500 पुलिसकर्मी तैनात थे। करीब 27 हजार लोग पहुंचे जबकि अनुमति सिर्फ 10 हजार की थी।

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