कर्नाटक के स्कूलों में बच्चों की सेहत से खिलवाड़, मिड-डे मील के चावल में मिले कीड़े
कर्नाटक के कोप्पल जिले के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के चावल में कीड़े मिलने से हड़कंप मच गया। बिसारल्ली गांव के एक स्कूल में स्टाफ और छात्रों ने च ...और पढ़ें

कई अभिभावकों ने स्कूलों के बाहर प्रदर्शन भी किया और अधिकारियों से जल्द कार्रवाई की अपील की। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के कोप्पल जिले में सरकारी स्कूलों के मिड-डे मील में इस्तेमाल होने वाले चावल में कीड़े निकलने से हड़कंप मच गया है। मंगलवार को कोप्पल तालुक के बिसारल्ली गांव के एक सरकारी स्कूल में स्कूल स्टाफ और छात्रों ने मिड-डे मील बनाने के लिए रखे चावल में कीड़े देखे और फिर इसकी खबर फैल गई।
इससे पहले कुश्तगी तालुक के मुद्देनाहल्ली गांव के एक स्कूल में भी ऐसा ही मामला सामने आ चुका है। इस लापरवाही को लेकर अब तक किसी कार्रवाई की जानकारी नहीं है।
अधिकारियों ने क्या कहा?
बिसारल्ली गांव के स्कूल में जब स्टाफ ने चावल धोने की तैयारी की, तो उन्हें चावल में कीड़े रेंगते दिखे। छात्रों ने भी इसे देखा और खाना बनाने से पहले ही शिकायत की। इसी तरह मुद्देनाहल्ली में भी कुछ दिन पहले चावल में कीड़े मिलने की बात सामने आई थी।
अधिकारियों का कहना है कि जिले के कई गोदामों से चावल की सप्लाई होती है, जबकि दाल, तेल और मसाले अलग एजेंसियों से आते हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि निजी ठेकेदारों से आई खराब क्वालिटी की चावल और दाल इसमें शामिल हो सकती है।
ऐसे में सवाल उठता है कि सप्लाई चेन में कहां चूक हो रही है और बच्चों तक खराब अनाज कैसे पहुंच रहा है?
आंकड़ों से जोखिम का लग रहा अंदाजा
कोप्पल जिले में हर दिन 2.8 लाख से ज्यादा स्कूली बच्चे मिड-डे मील योजना पर निर्भर करते हैं। यह योजना बच्चों को स्कूल आने और पोषण देने के लिए चलाई जाती है, लेकिन अगर खाने में कीड़े मिलें तो यह सेहत के लिए बड़ा जोखिम बन जाती है।
अभिभावकों ने चिंता जताई है कि खराब खाना बच्चों की सेहत बिगाड़ सकता है और उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ सकता है। कई माता-पिता ने कहा कि ऐसे लापरवाही से बच्चों का भविष्य खतरे में है। घटनाओं के बाद अभिभावक गुस्से में हैं। उन्होंने जिले के सभी सरकारी स्कूलों में अनाज और पके हुए खाने की तुरंत जांच की मांग की है।
उनका कहना है कि आगे ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएं। कई अभिभावकों ने स्कूलों के बाहर प्रदर्शन भी किया और अधिकारियों से जल्द कार्रवाई की अपील की।
सुधार के निर्देश दिए गए
अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहराई से जांच होगी और वरिष्ठ अधिकारियों को पूरी रिपोर्ट सौंपी जाएगी। स्कूल डेवलपमेंट एंड मॉनिटरिंग कमिटी (एसडीएमसी) के अध्यक्ष हनुमंतप्पा हट्टी ने कहा कि कुछ अलग-थलग मामले हो सकते हैं, लेकिन साफ-सफाई और क्वालिटी बनाए रखने की पूरी कोशिश की जा रही है।
उन्होंने अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि आगे ऐसा नहीं होगा और हालिया मीटिंग में अधिकारियों को सुधार के निर्देश दिए गए हैं।
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