Tomato Price Hike: टमाटर से करोड़पति बनने की कहानी! कर्ज में डूबे कैसे अमीर बने किसान?
टमाटर के दाम जरुरत से ज्यादा लाल हो गए हैं। आलम यह है कि जो लोग घर में एक किलो टमाटर खरीदकर ला रहे थे वो अब 250 ग्राम टमाटर से ही अपना काम चला रहे हैं। ये हालत आम लोगों की है जो खुदरा में टमाटर खरीद रहे हैं। हालांकि जिन किसानों की टमाटर की फसल समय से तैयार हो गई थी उन्होंने भारी मुनाफा कमाया है।

दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। टमाटर के दाम जरुरत से ज्यादा लाल हो गए हैं। आलम यह है कि जो लोग घर में एक किलो टमाटर खरीदकर ला रहे थे वो अब 250 ग्राम टमाटर से ही अपना काम चला रहे हैं। ये हालत आम लोगों की है जो फुटरक में टमाटर खरीद रहे हैं। हालांकि, जिन किसानों की टमाटर की फसल समय से तैयार हो गई थी उन्होंने भारी मुनाफा कमाया है।
कुख टमाटर किसानों ने फसल बेचकर करोड़ों का मुनाफा कमा लिया है। जिन टमाटर किसानों के पास जुलाई-अगस्त में बेचने के लिए टमाटर हैं वो इन दोंनों महीनों को यादगार महीनों के तौर पर संजो कर रखेंगे। दरअसल, तेलंगाना के पुलुमामिडी गांव के अनंत रेड्डी ने अपनी टमाटर की प्रति एकड़ फसल से 20 लाख रुपये की कमाई की है। किसान ने अपनी फसल बेचकर नया ट्रैक्टर और एक हुंडई वेन्यू कार खरीद ली है।
5 एकड़ के खेत से 1.4 करोड़ रुपये कमाए
वहीं, कर्नाटक के जलबिगनपल्ली गांव के साल के टमाटर किसान अरविंद ने अपने 5 एकड़ के खेत से 1.4 करोड़ रुपये कमाए हैं। इन पैसों से अरविंद अपनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मां के लिए एक आलीशान घर खरीदने जा रहे हैं। इस सीजन में टमाटर बेचकर स्टार बने किसानों में आंध्र प्रदेश के दो भाई पासलप्पागारी चंद्रमौली और पासलप्पागारी मुरली भी हैं, जिन्होंने हैं, दस लाख किलो से ज्यादा टमाटर बेचकर 3 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कमाए हैं।
अपने गांव में सेलिब्रिटी है ये किसान
ऐसे ही तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से मात्र दो घंटे की दूरी पर पहने वाले अर्पति नरसिम्हा रेड्डी सैयदपल्ले गांव में एक सेलिब्रिटी हैं। नरसिम्हा ने बताया कि टमाटर आम तौर पर 300 रुपये प्रति 20 किलो का डिब्बा बिकता है। जब टमाटर की ज्यादा पैदावार होती है तो टमाटर का एक डिब्बा 40 या 50 रुपये में जाता है, लेकिन कभी-कभी मैंने अपनी उपज नालियों में भी फेंक दी है।
इस साल असमय बारिश के कारण बड़ी मात्रा में टमाटर की फसल नष्ट हो गई। तेलंगाना में रकबा 25,000 से गिरकर 2,000 हो गया। इसके अलावा श्रम शुल्क ने भी खेती को मुश्किल बना दिया। मगर, तभी नरसिम्हा और अनंत जैसे किसानों की स्वस्थ टमाटर की फसल थी और उन्होंने इससे बड़ा मुनाफा कमाया।
रेट मिलने की उम्मीद नहीं थी
नरसिम्हा ने अप्रैल महीने में 10 एकड़ ज़मीन पर टमाटर की बुआई की थी। उन्होंने प्रति पेटी 2,500-3,000 रुपये कमाने की सोची थी। उनका कहना है कि कुछ दिनों में ही टमाटर के रेट 4,000 रुपये तक पहुंच गए। किसान अनंत ने कहा कि एक बक्से के लिए 3,000 रुपये मिलना भी मुश्किल था।
150 किसान बने करोड़पति
किसान नरसिम्हा का कहना है, "एक साथ, मेरे गांव के 150 किसानों ने मुख्य रूप से टमाटर बेचकर 2 करोड़ से 3 करोड़ रुपये कमाए लिए हैं." नरसिम्हा अब अपनी बेटी को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाने के बारे में विचार कर रहे हैं। कर्नाटक के पल्या गांव के 49 वर्षीय किसान सीथरामा रेड्डी ने पिछले छह हफ्तों में ही 1.5 करोड़ रुपये के टमाटर बेच लिए हैं, उनका कहना है कि अगस्त खत्म होने से पहले वह टमाटर से कम से कम 50 लाख रुपये और कमा लेंगे। इससे पहले तक सीथरामा रेड्डी कर्ज में डूबे रहते थे।
कई बार घाटा उठाना पड़ा
इन टमाटर किसानों की हमेशा से फसल मुनाफा नहीं देती थी, फसल खराब होने या मंडी में रेट ठीक ना मिलने से इनको कई बार घाटा उठाना पड़ा है। मगरल इन्होंने टमाटर की निरंतर बुवाई की और इस बार इनकी मेहनत रंग लायी है। जिन किसानों ने टमाटर बेटकर पैसे कमाए हैं वो अब अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के बारे में सोच रहे हैं और कई किसान और खेत खरीदने में पैसे निवेश कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के किसानों के फायदा नहीं
मध्य प्रदेश देश में का सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक है राज्य है, लेकिन यहां के टमाटर किसानों को ज्यादा फायदा नहीं हुआ है उन्होंने कीमतें बढ़ने से पहले ही अपनी फसल बेच दी थी। शिवपुरी जिले के निवेश जाट 16 सालों से टमाटर की खेती कर रहे हैं। इनका कहना है कि हमारी फसल खत्म हो गई है इसलिए हमारे यहां के बाजारों में महाराष्ट्र और कर्नाटक से टमाटर आ रहे हैं, जिसकी वजह से उन राज्यों के किसानों के ज्यादा मुनाफा मिल रहा है।
बाजार में टमाटर की ऊंची किमतें होने के कारण कई किसान पारंपरिक खेती छोड़कर टमाटर की फसल की बुवाई कर रहे हैं।
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