कर्नाटक में 18 भाजपा विधायकों का निलंबन वापस, सीएम सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुआ फैसला
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने 18 भाजपा विधायकों का निलंबन वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया जिसमें निलंबन वापस लेने पर सहमति बनी। निलंबित विधायकों द्वारा खेद व्यक्त करने और भविष्य में बेहतर आचरण का आश्वासन देने के बाद यह निर्णय लिया गया। विपक्ष के नेता आर. अशोक ने निलंबन वापसी के लिए दबाव बनाया था।

आईएएनएस, बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने 18 भाजपा विधायकों का निलंबन वापस ले लिया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और अध्यक्ष यू.टी. खादर की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया गया।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल और विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक भी उपस्थित थे।
निलंबन आदेश वापस लेने पर बनी सहमति
बैठक में निलंबन आदेश को वापस लेने पर सहमति बनने के बाद यह निर्णय इस आधार पर लिया गया कि निलंबन के दो महीने बीत चुके थे। निलंबित विधायकों ने अपने आचरण पर खेद व्यक्त किया था और उन्होंने भविष्य में विधानसभा सत्रों में बेहतर आचरण सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया था।
अशोक ने कहा, ''मंत्री एच.के. पाटिल से इस मामले पर दो बार बात की थी। उन्हें स्पष्ट किया कि यदि केवल सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य उपस्थित हैं तो विधानसभा अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकती। विपक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।"
स्पष्ट रूप से कहा कि निलंबन वापस लिए बिना विपक्ष किसी भी विधायी गतिविधि में भाग नहीं लेगा। उन्होंने बताया कि ऐसे घटनाक्रम विधानसभा में कई बार हो चुके हैं। एक घंटे की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा कि निलंबन वापस लिया जा सकता है क्योंकि सदस्यों ने अपने आचरण पर खेद व्यक्त किया है।
आर अशोक, नेता विपक्ष
लिहाजा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण, डोड्डनागौड़ा एच. पाटिल, एस.आर. विश्वनाथ, बायरथी बसवराज, एम.आर. पाटिल, चन्नाबासप्पा, बी. सुरेश गौड़ा, उमानाथ कोटायन, शरण सालगर, शैलेन्द्र बेल्डल, सी.के. रामामूर्ति, यशपाल एस. सुवर्ण, हरिश बीपी, भारत शेट्टी, एन.मुनिरत्न, बसवराज मत्तिमुद, धीरज मुनिराज और चंद्रु लमानी का निलंबन हटा लिया गया।
उल्लेखनीय है कि 18 भाजपा विधायकों का निलंबन 21 मार्च को छह महीने के लिए किया गया था। आरोप था कि उन्होंने अध्यक्ष की कुर्सी के प्रति अनादर दिखाया।
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