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Karnataka Hijab Row: हिजाब प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को दी गई चुनौती

कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा सरकारी स्कूल और कालेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का याचिकाओं में विरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ 23 याचिकाएं लगाई गई हैं। आज ही नए मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित का कामकाज का पहला दिन है।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Mon, 29 Aug 2022 05:53 AM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2022 05:53 AM (IST)
हिजाब को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई।

नई दिल्ली, एजेंसी। सरकारी स्कूल और कालेजों में हिजाब पर प्रतिबंध के कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। भारत के नए मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित का यह कामकाज का पहला दिन भी होगा। इन प्रतिबंध के खिलाफ कुल 23 याचिकाओं को कोर्ट में सुनवाई के लिए  सूचीबद्ध किया गया है। वहीं, 25 मामले जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की खंडपीठ के समक्ष लगाए गए हैं जिन पर सुनवाई आज होगी।

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पूर्व सीजेआइ के दौरान भी की गई थी अपील

इससे पहले, तत्कालीन सीजेआइ एनवी रमणा के समक्ष तत्काल सुनवाई की कई बार अपील की गई थी, लेकिन तब यह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हो पाया था। सर्वोच्च अदालत में अपनी याचिका में कहा गया कि सरकारी प्रशासन का आरोप है कि सौतेली मां जैसा व्यवहार किया जा रहा है।

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती

बता दें कि इन याचिकाओं के तहत कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें उसने राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा था। राज्य सरकार के फैसले के अनुसार स्कूलों और कालेजों में सभी छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध रहेगा और वर्दी नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। 

यह है पूरा मामला

गौरतलब है कि हिजाब विवाद इस साल उस समय भड़क उठा जब जनवरी में कर्नाटक के उडुपी जिले के गवर्नमेंट पीयू कालेज में कथित तौर पर हिजाब पहनने वाली छह लड़कियों को अंदर आने से रोक दिया गया। कालेज में प्रवेश न दिए जाने से गुस्साई छात्राओं ने परिसर के बाहर ही धरना देना शुरू कर दिया। जिसके बाद उडुपी के कई कालेजों के हिंदू लड़के भगवा स्कार्फ पहनकर क्लास अटेंड करने लगे। इस घटना के बाद मामला राजनीतिक होता चला गया और यह विरोध राज्य के अन्य हिस्सों में फैलने लगा।

विवाद बढ़ते देख कर्नाटक सरकार ने सभी छात्रों को ड्रेस कोड का पालन करने का आदेश दिया, जिसके विरोध में कुछ छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया। लेकिन, हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक अनिवार्य प्रथा नहीं है।


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