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SC/ST quota Hike: कर्नाटक सरकार ने SC/ST आरक्षण बढ़ाने का लिया फैसला, केंद्र को भेजा प्रस्ताव

कर्नाटक सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए शिक्षा और रोजगार में आरक्षण बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने इस संबंध में केंद्र सरकार को संविधान की 9वीं अनुसूचि के तहत प्रस्ताव भेजा है। (फाइल फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaPublished: Fri, 24 Mar 2023 08:02 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2023 08:02 AM (IST)
SC/ST quota Hike: कर्नाटक सरकार ने SC/ST आरक्षण बढ़ाने का लिया फैसला, केंद्र को भेजा प्रस्ताव
कर्नाटक सरकार ने SC/ST आरक्षण बढ़ाने का लिया फैसला

बेंगलुरु, एएनआई। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने शिक्षा और नौकरियों में एससी/एसटी आरक्षण बढ़ाने का फैसला किया है।

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राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए शिक्षा और रोजगार में आरक्षण बढ़ाने के लिए, कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को केंद्र सरकार को प्रस्ताव पेश किया है।

SC/ST आरक्षण बढ़ाने के लिए केंद्र को भेजा प्रस्ताव

कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को संविधान की 9वीं अनुसूची में कर्नाटक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (शैक्षणिक संस्थानों में पदों में आरक्षण और राज्य सेवाओं में नियुक्ति या पद) अधिनियम, 2022 को शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव पेश किया।

विधानसभा चुनाव से पहले लिया फैसला

यह कदम आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आया है। कर्नाटक सरकार के अनुसार, यह अधिनियम कर्नाटक राज्य में शैक्षिक संस्थानों में सीटों के आरक्षण और राज्य में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के व्यक्तियों के लिए राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए अधिनियमित किया गया था।

इतना बढ़ाया जाए प्रतिशत

कर्नाटक की मुख्य सचिव वंदिता शर्मा ने मामले को लेकर केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखा है।

इस अधिनियम के अनुसार, राज्य में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण का प्रतिशत 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है।

तो वहीं राज्य में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण का प्रतिशत 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत किया जाने का प्रस्ताव रखा गया है।

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'वंचित समुदायों के प्रति है हमारी जिम्मेदारी'

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस संबंध में कहा कि संविधान की 9वीं अनुसूची में आरक्षण बढ़ाने पर अधिनियम को शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रस्तुत किया गया है।

वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए शिक्षा और रोजगार में आरक्षण बढ़ाने का फैसला वंचित समुदायों के प्रति हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।

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