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    एक तरफ फंड की कमी से जूझ रहा 'कर्नाटक', दूसरी ओर सरकार ने मंत्रियों-विधायकों का वेतन किया दोगुना

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sat, 22 Mar 2025 07:29 AM (IST)

    कर्नाटक विधानसभा ने शुक्रवार को विधानसभा ने विधायकों और एमएलसी मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वेतन को दोगुना करने और उनके भत्ते बढ़ाने के लिए दो विधेयक पारित किए। इस प्रस्ताव के बाद कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। लेकिन सरकार द्वारा फंड की कमी की शिकायत के बीच उठाए गए इस कदम की आलोचना हो रही है

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    कर्नाटक ने फंड की कमी के बीच मंत्रियों और विधायकों का वेतन दोगुना किया (फोटो- पीटीआई)

    आईएएनएस, बेंगलुरु। एक तरफ कर्नाटक सरकार फंड की कमी से जूझ रही है। इस बीच राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को विधानसभा ने विधायकों और एमएलसी, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वेतन को दोगुना करने और उनके भत्ते बढ़ाने के लिए दो विधेयक पारित किए।

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    भत्तों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी

    इस प्रस्ताव के बाद कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। लेकिन सरकार द्वारा फंड की कमी की शिकायत के बीच उठाए गए इस कदम की आलोचना हो रही है और इस पर बहस भी छिड़ गई है। बड़ी बात यह रही कि हनी ट्रैप विवाद से जुड़े हंगामे के बीच विधानसभा में विधेयक पारित किया गया।

    विधेयक में मुख्यमंत्री के वेतन में वृद्धि होगी

    सूत्रों के अनुसार, विधेयक में मुख्यमंत्री के वेतन में 75,000 रुपये से 1.50 लाख रुपये की 100 प्रतिशत वृद्धि और मंत्रियों के वेतन में 60,000 रुपये से 1.25 लाख रुपये की 108 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव है। विधायकों के वेतन में 40,000 रुपये से 80,000 रुपये की 100 प्रतिशत वृद्धि होगी।

    मंत्रियों का किराया भत्ता भी 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति का 75,000 रुपये मासिक वेतन बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये किया जाएगा। उनके भत्ते 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए गए हैं।

    राज्यपाल ने प्रस्तावित विधेयक को मंजूरी दे दी

    राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने गुरुवार को प्रस्तावित विधेयक को मंजूरी दे दी। सरकार ने इसमें और देरी न करते हुए बजट सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को इसे विधानमंडल में पेश कर दिया। सरकार पर 62 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने की उम्मीद है।

    विधायकों के वेतन और भत्ते 2022 में संशोधित किए गए थे। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पांच साल में एक बार विधायकों के वेतन और भत्तों को संशोधित करने का फैसला किया था। विधायकों ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) में बढ़ोतरी की मांग की थी।

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