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    कर्नाटक में बुलडोजर एक्शन से गरमाई सियासत, मुश्किल घड़ी में सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार ने मिलाया हाथ

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 10:34 AM (IST)

    बेंगलुरु के कोगिला लेआउट में बुलडोजर कार्रवाई से राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस कार्रवाई का ब ...और पढ़ें

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    कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के बेंगलुरु में कोगिला लेआउट में तोड़फोड़ के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस पार्टी को इस कदम के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, लंबे समय से खटपट की खबरों को लेकर चर्चा में रहे राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार एक मंच पर आ गए हैं।

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    बेंगलुरु के कोगिला लेआउट पर 20 दिसंबर को हुए बुलडोजर एक्शन के बाद कई परिवार बेघर हो गए। इसे लेकर राज्य में बवाल मच गया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने जब इसका विरोध किया, तो सीएम सिद्धरमैया भी कड़ी प्रतिक्रिया देने से नहीं चूके।

    सीएम सिद्धरमैया ने क्या कहा?

    सीएम सिद्धरमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, "कोगिला लेआउट में कई लोगों ने अवैध रूप से घर बना लिए थे। यहां कचरा जमा होता है, जिसके कारण यह जगह लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है।"

    सीएम सिद्धरमैया ने आगे कहा-

    अवैध रूप से रह रहे कई लोगों को घर छोड़ने का नोटिस जारी किया गया था। मगर, इसके बावजूद लोगों ने इसका पालन नहीं किया। ऐसे में अतिक्रमण को हटाना जरूरी हो गया था।

    केरल सीएम ने साधा था निशाना

    केरल के सीएम विजयन ने कर्नाटक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था,"बेंगलुरु में फकीर कॉलोनी और वसीम लेआउट को बुलडोजर से धराशायी कर दिया गया। यहां रहने वाले मुस्लिम परिवारों को विस्थापित करना सरकार की क्रूरता को उजागर करता है।" इसके साथ ही उन्होंने कर्नाटक सरकार की कार्रवाई को 'बुलडोजर न्याय' करार दिया है।

    डिप्टी सीएम ने दी प्रतिक्रिया

    कर्नाटक के मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी विजयन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिनारयी विजयन जैसे नेताओं ने सच्चाई जाने बिना ही, सवाल उठाना शुरू कर दिया है। उन्हें मामले की वास्तविकता पता होनी चाहिए।"

    'बुलडोजर न्याय' को खारिज करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, "यह हमारी संस्कृति नहीं है। सच जाने बिना आपको राज्य के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यहां कचरे का निवारण करने के लिए एक खादान मौजूद है। 9 साल पहले इसकी स्थापना की गई थी। हम भूमि माफियाओं को सरकारी जमीन पर झुग्गी-झोपड़ियां नहीं बनाने देंगे।"