प्रसिद्ध कन्नड़ उपन्यासकार एसएल भैरप्पा का 94 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रसिद्ध कन्नड़ उपन्यासकार और दार्शनिक एसएस भैरप्पा का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ था। वंशवृक्ष दातु पर्व मंदरा जैसे लोकप्रिय उपन्यासों के लिए वे जाने जाते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। एसएस भैरप्पा को पद्म भूषण पद्म श्री और सरस्वती सम्मान जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनके लेखन ने पीढ़ियों को प्रेरित किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रसिद्ध कन्नड़ उपन्यासकार और दार्शनिक एसएस भैरप्पा का बुधवार को एक निजी अस्पताल में कर्डियक अरेस्ट के कारण 94 साल की उम्र में निधन हो गया।
राष्ट्रोत्थान अस्पाताल ने एक बयान जारी कहा, महान भारतीय उपन्यासकार, दार्शनिक, पद्मश्री, पद्मभूषण और सरस्वती सम्मान से सम्मानित एसएल भैरप्पा को आज दोपहर 2.38 बजे हृदयगति रुकने से निधन हो गया और वे ईश्वर के चरणों में लीन हो गए। ओम शांति!!!"
श्री भैरप्पा अपने लोकप्रिय उपन्यासों 'वंशवृक्ष', 'दातु', 'पर्व', 'मंदरा' आदि के लिए जाने जाते हैं। उनकी अधिकांश रचनाओं का अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
पीएम मोदी ने दुख जताया
एसएस भैरप्पा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा, कि एसएल भैरप्पा जी के निधन से, हमने एक ऐसे प्रखर व्यक्तित्व को खो दिया है जिन्होंने हमारी अंतरात्मा को झकझोर दिया और भारत की आत्मा में गहराई से उतर गए। एक निडर और कालजयी विचारक, उन्होंने अपनी विचारोत्तेजक रचनाओं से कन्नड़ साहित्य को गहन रूप से समृद्ध किया।
पीएम ने कहा कि उनके लेखन ने पीढ़ियों को चिंतन, प्रश्न करने और समाज के साथ अधिक गहराई से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। हमारे इतिहास और संस्कृति के प्रति उनका अटूट जुनून आने वाले सालों तक लोगों को प्रेरित करता रहेगा। इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ॐ शांति।
एसएस भैरप्पा को पद्म भूषण, पद्म श्री, सरस्वती सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कारों से नवाजा गया था।
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