Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kanchanjunga Accident: कंचनजंगा ट्रेन हादसे पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने किया खुलासा, दुर्घटना की बताई ये बड़ी वजह

    Updated: Tue, 16 Jul 2024 02:05 PM (IST)

    अगरतला से सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई। पहले बताया गया था मालगाड़ी के ड्राइवर की एक गलती की वजह से यह हादसा हुआ था। अब इस घटना को लेकर रेलवे सुरक्षा आयुक्त का भी बयान सामने आया है। सिग्नल के साथ-साथ स्पीड मैनेजमेंट का ठीक से पालन न होने के कारण ये घटना घटी है।

    Hero Image
    कंचनजंगा ट्रेन हादसे पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त का बयान (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सियालदाह जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस की मालगाड़ी ट्रेन से टक्कर हो गई थी। इस घटना में पैसेंजर ट्रेन के गार्ड और मालगाड़ी के लोको पायलट समेत 10 लोगों की मौत हो गई थी। अब इस घटना को लेकर रेलवे सुरक्षा आयुक्त का बयान आया है, उन्होंने इस घटना पर संज्ञान लिया और इसकी जांच की। उन्होंने बताया सिग्नल क्षेत्रों में ट्रेन संचालन के प्रबंधन में कई स्तरों पर खामियां देखी गई हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोको पायलटों और स्टेशन मास्टरों के बीच में ठीक से बातचीत न होने के कारण मालगाड़ी से जुड़ी कंचनजंघा एक्सप्रेस की ये घटना घटी है। ये दुर्घटना घटने का इंतजार कर रही थी।

    सिग्नल पार करते क्या रखनी थी स्पीड?

    रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने सर्वोच्च प्राथमिकता पर स्वचालित ट्रेन-सुरक्षा प्रणाली (Automatic Train-protection system) के कार्य की भी सिफारिश की। सीआरएस ने कहा कि संबंधित अधिकारियों की तरफ से मालगाड़ी के लोको पायलट को सिग्नल पार करने के लिए गलत पेपर अथॉरिटी या टी/ए 912 जारी किया गया था। पेपर अथॉरिटी ने उस स्पीड का उल्लेख नहीं किया जो मालगाड़ी ड्राइवर को सिग्नल पार करते समय ध्यान में रखनी थी।

    सीआरएस ने अपनी जांच में पाया कि कंचनजंघा एक्सप्रेस और मालगाड़ी के अलावा, सिग्नल खराब होने से लेकर उस दिन दुर्घटना होने तक पांच अन्य ट्रेनें उस सेक्शन में दाखिल हुईं। समान प्राधिकार जारी करने के बावजूद लोको पायलटों की तरफ से अलग-अलग गति पैटर्न का पालन किया गया।

    लोको पायलट ने इस नियम का नहीं किया पालन

    सीआरएस ने कहा कि केवल कंचनजंघा एक्सप्रेस ने 15 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलने और प्रत्येक  सिग्नल पर एक मिनट के लिए रुकने के मानदंड का पालन किया, जबकि दुर्घटना में शामिल मालगाड़ी सहित बाकी छह ट्रेनों ने इसका पालन नहीं किया। इससे पता चलता है कि जब उन्हें टी/ए 912 जारी किया जाता है तो क्या कार्रवाई की जाएगी, यह बात स्पष्ट नहीं थी। कुछ लोको पायलट ने 15 किमी प्रति घंटे के नियम का पालन किया है, जबकि अधिकतर लोको पायलटों ने इस नियम का पालन नहीं किया है।

    यह भी पढ़ें: Kanchanjunga Express Accident: कंचनजंगा एक्सप्रेस को मालगाड़ी ने पीछे से मारी टक्कर, बोगियों के उड़े परखच्चे; हादसे के बाद बदला बाकी ट्रेनों का रूट

    यह भी पढ़ें: Kanchanjunga Express Train Accident: हादसे के बाद दार्जिलिंग में फिर से शुरू हुई रेल सेवाएं, ये ट्रेनें हुई रद्द तो इनका रूट डायवर्ट