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    Kamal hasan: कमल हासन बोले- जाति ही है मेरी 'सबसे बड़ी' राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी

    By Jagran NewsEdited By: Preeti Gupta
    Updated: Sun, 12 Feb 2023 04:14 PM (IST)

    कमल हासन ने कहा कि मेरी सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी मेरी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जाति है। उन्होंने कहा कि मैं यह तब से कह रहा हूं जब मैं 21 साल का था और मैं अब भी कहता हूं मेरी राय कभी नहीं बदली है। (फाइल फोटो)

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    : कमल हासन बोले- जाति ही है मेरी 'सबसे बड़ी' राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी

    चेन्नई, पीटीआई। कमल हासन जो एक भारतीय फिल्म अभिनेता, राजनीतिज्ञ, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता हैं। उन्होंने अपना प्रतिद्वंदी किसी व्यक्ति को नहीं बल्कि जाति को करार दिया है। अभिनेता और राजनेता कमल हासन ने रविवार को कहा कि जाति ही मेरी 'सबसे बड़ी' राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है। वह एक पुस्तक के उद्घाटन समारोह में गए हुए थे जहां उन्होंने यह बात कही है।

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    जाति ही है मेरी 'सबसे बड़ी' राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी- कमल

    मक्कल निधि मय्यम के अध्यक्ष अपने नीलम सांस्कृतिक केंद्र के हिस्से के रूप में जाने-माने तमिल सिनेमा निर्देशक पा रंजीत की एक पहल "नीलम बुक" का उद्घाटन करने के बाद बात कर रहे थे। जिस दौरान उन्होंने कहा कि "मेरी सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी, मेरी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जाति है। उन्होंने कहा कि मैं यह तब से कह रहा हूं जब मैं 21 साल का था और मैं अब भी कहता हूं, मेरी राय कभी नहीं बदली है।"

    कमल हासन ने कटाक्ष रूप में कही यह बात

    कमल हासन ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पहिये के अविष्कार के बाद भगवान मनुष्य के द्वारा बनाई गई सबसे बड़ी रचना है। साथ ही उन्होंने कटाक्ष रूप में कहा कि हम अपनी खुद की रचना को स्वीकार नहीं कर सकते हैं अगर यह हमारे स्वयं पर हमला करता है। समीक्षकों द्वारा सराही गई फिल्मों के लिए जाने जाने वाले रंजीथ ने कमल हासन की तारीफ की है।

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    कमल ने एक कला फिल्म बनाने के फार्मूले को विकसित किया- रंजीथ

    रंजीथ ने कहा कि हासन "वह व्यक्ति हैं जिन्होंने एक कला फिल्म बनाने के फार्मूले को विकसित किया और फिर भी इसे मुख्यधारा के दर्शकों के बीच लोकप्रिय बनाने में सफल रहे हैं। अपनी "नीलम पुस्तको" के बारे में रंजीथ ने कहा कि वह केवल ऐसी पुस्तकें रखना चाहते थे जो लोगों को राजनीति को समझने में मदद करें। उन्हें मुख्यधारा की साहित्यिक पुस्तकों और गैर-राजनीतिक पुस्तकों के अलावा राजनीतिक रूप से जिम्मेदार बनाएं।

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