'किसी को ठेस पहुंचाई है तो माफी मांगें...', कमल हासन केस में कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्या-क्या कहा?
कर्नाटक हाईकोर्ट ने अभिनेता कमल हासन को कन्नड़ भाषा पर विवादित टिप्पणी के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि बोलने की आजादी का मतलब भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। हासन ने कहा था कि कन्नड़ भाषा तमिल से जन्मी है। कोर्ट ने हासन से कहा कि अगर उनकी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है तो वे माफी मांगें और अपने बयान को वापस लें।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्टर कमल हासन को कन्नड भाषा को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के लिए फटकार लगाई है। कोर्ट ने चेतावनी के लहजे में कहा है कि राइट टू स्पीच के तहत किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाया जा सकता है। दरअसल अभिनेता ने एक बयान में कहा था कि कन्नड भाषा का जन्म तमिल से हुआ है।
कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
कोर्ट ने कमल हासन से कहा कि आपको बोलने का अधिकार है। लेकिन भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं। फ्री स्पीच और अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार इस हद तक नहीं दिया जा सकता कि इससे आम जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचे।
कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित प्राधिकारियों को एक याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वे कर्नाटक में कमल हासन की नई फिल्म 'ठग लाइफ' के प्रदर्शन में बाधा न डालें या उसे रोक न लगाएं। अदालत ने कमल हासन से कहा, "हम अब यह आप पर छोड़ रहे हैं। अगर आपने किसी को ठेस पहुंचाई है तो माफी मांगें।"
'बयान वापस लें...'
अदालत ने कहा, "इस मामले में आपने एक बयान दिया। उस बयान को वापस लें, बस इतना ही। कर्नाटक से करोड़ों कमाए जा सकते हैं... लेकिन अगर आपको (कन्नड़ के) लोगों की जरूरत नहीं है तो राजस्व छोड़ दें।"
अदालत ने कहा, "हम किसी को भी जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देंगे... जब गलतियां होती हैं, तो आपको कहना चाहिए, 'मैंने इसी संदर्भ में बात की है (लेकिन) अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।"
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