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    देश के अधिकांश हिस्सों में गर्म रह सकती है जनवरी, मौसम विभाग ने दी पूरी जानकारी

    Updated: Wed, 01 Jan 2025 11:30 PM (IST)

    उत्तर भारत इस समय कड़ाके की ठंड के चपेट में है। इस बीच मौसम विभाग ने एक बड़ी खबर दी है। मौसम विभाग की मानें तो पूर्व पूर्वोत्तर और पश्चिम-मध्य भारत के अलावा बाकी हिस्सों में जनवरी के दौरान न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा बना रह सकता है। हाल में ही आंकडों में बताया गया था कि साल 2024 सबसे गर्म साल रहा है। नए रिसर्च चिंता बढ़ा सकती है।

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    देश के अधिकांश हिस्सों में गर्म रह सकती है जनवरी

    पीटीआई, नई दिल्ली। देश के अधिकांश हिस्सों में जनवरी के अपेक्षाकृत गर्म बने रहने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो पूर्व, पूर्वोत्तर और पश्चिम-मध्य भारत के अलावा बाकी हिस्सों में जनवरी के दौरान न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा बना रह सकता है।

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    भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय मोहापात्रा ने बुधवार को बताया कि पूर्वोत्तर, मध्य, पूर्व भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के मध्य हिस्सों को छोड़ दें तो देश के अधिकांश हिस्सों में जनवरी के दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर बने रहने की संभावना है। जबकि मध्य भारत के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में जनवरी के सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा ठंडक भरे दिन रह सकते हैं।

    सामान्य से कम होगी बारिश

    विभाग का कहना है कि उत्तर भारत में जनवरी से मार्च के बीच बारिश के सामान्य से नीचे बने रहने की संभावना है। जो दीर्घकालिक औसत का 86 प्रतिशत हो सकती है। अगर बात करें 1971-2020 के आंकडों की तो इस दौरान उत्तर भारत में औसत बारिश 184.3 मिलीमीटर दर्ज की गई है।

    वहीं, उत्तरी और उत्तरपश्चिमी राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में शीतकाल के दौरान रबी की फसल बोई जाती है, जिसके साथ गेहूं, मटर, चना और बाजरा भी लगाया जाता है और इसे अप्रैल से जून के बीच गर्मियों में काटा जाता है और पश्चिमी विक्षोभ के कारण सर्दियों में होने वाली बारिश फसल बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

    2024 बना सबसे गर्म वर्ष

    वर्ष 1901 से दर्ज किए जा रहे मौसम के आंकडों में भारत में 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा है। बीते वर्ष दीर्घकालिक औसत की तुलना में औसत न्यूनतम तापमान 0.90 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा है। मोहापात्रा के अनुसार, 1901 से लेकर 2020 के बीच दीर्घकालिक औसत की तुलना में 2024 में भारत के सतही वायु तापमान का वार्षिक माध्य 0.65 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहते हुए 25.75 डिग्री रहा।

    इससे पहले 0.54 डिग्री सेल्सियस की बढत के साथ 2016 सबसे गर्म वर्ष रिकार्ड किया गया था। वहीं, यूरोपीय मौसम एजेंसी, कापरनिकस के अनुसार, रिकार्ड की मानें तो 2024 संभवता अब तक सबसे गर्म वर्ष रहने के साथ पूर्व औद्योगिक स्तर (1850-1900) की तुलना में वैश्विक औसत तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़त वाला पहला साल रहा है।

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