Jamrani Project: उत्तराखंड की जमरानी बांध परियोजना को केंद्र की मंजूरी, उत्तराखंड और यूपी के दो-दो जिलों को फायदा
Jamrani Dam Project उत्तराखंड की जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। यह परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कार्यक्रम के तहत पूरी की जाएगी और यह उत्तराखंड के साथ में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई बिजली और पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराएगी। मार्च 2028 में पूरी होने वाली इस परियोजना पर 2584 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तराखंड की जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। यह परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कार्यक्रम के तहत पूरी की जाएगी और यह उत्तराखंड के साथ में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई, बिजली और पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
मार्च 2028 में पूरी होने वाली इस परियोजना पर 2584 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के फैसले की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस परियोजना के तहत नैनीताल जिले में रामगंगा नदी की सहायक नदी गोला के तट पर बसे जमरानी गांव में बांध का निर्माण किया जाना है।
केंद्र सरकार 1557.18 करोड़ रुपये उत्तराखंड को देगी
परियोजना को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार 1557.18 करोड़ रुपये उत्तराखंड को देगी। इस फैसले के संदर्भ में जारी किए गए बयान में कहा गया है कि जमरानी बांध परियोजना के जरिये 57065 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के दायरे में लाया जाएगा। इसमें 9458 हेक्टेयर जमीन उत्तराखंड और 47607 हेक्टेयर जमीन उत्तर प्रदेश की है।
उत्तराखंड और यूपी के दो-दो जिले होंगे कवर
इस परियोजना से जिन जिलों को कवर किया जाएगा उनमें उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर तथा उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिले हैं। गोला पर पहले से मौजूद बैराज सिस्टम में दो नई नहरों का निर्माण किया जाना है, जबकि 207 किलोमीटर की मौजूदा नहरों का फिर से नया स्वरूप प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही 278 किलोमीटर के पक्के फील्ड चैनल का भी निर्माण किया जाएगा।
परियोजना से 14 मेगावाट बिजली की उत्पन्न की जाएगी
इस परियोजना से 14 मेगावाट बिजली की उत्पन्न की जाएगी और हल्द्वानी तथा आसपास के क्षेत्रों के लिए 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पेयजल भी उपलब्ध होगा। इससे लगभग साढ़े दस लाख लोगों को फायदा होगा। गौरतलब है कि पीएम कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत 2015-16 में की गई थी, जिसका उद्देश्य खेती वाली जमीन तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना, कृषि योग्य भूमि का दायरा बढ़ाना तथा खेती में पानी के इस्तेमाल के सदुपयोग को बढ़ाना है।
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