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    Investment: निवेश आकर्षित करने में चुनावी राज्यों में मध्य प्रदेश आगे, राजस्थान और तेलंगाना में आई गिरावट

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Wed, 25 Oct 2023 08:46 PM (IST)

    किसी भी राज्य में होने वाला निजी निवेश उस देश की आर्थिक नीतियों का आइना होती हैं। इस तर्ज पर अगर चुनाव में जाने वाले चार बड़े राज्यों की परख करें तो यह बात सामने आती है कि पिछले पांच वर्षों में मध्य प्रदेश की सरकार ने निजी निवेश को लुभाने में अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है।

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    निवेश आकर्षित करने में चुनावी राज्यों में मध्य प्रदेश आगे (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। किसी भी राज्य में होने वाला निजी निवेश उस देश की आर्थिक नीतियों का आइना होती हैं। इस तर्ज पर अगर चुनाव में जाने वाले चार बड़े राज्यों की परख करें तो यह बात सामने आती है कि पिछले पांच वर्षों में मध्य प्रदेश की सरकार ने निजी निवेश को लुभाने में अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। वर्ष 2018-19 में देश में होने वाले कुल विदेशी निवेश में मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी 1.6 फीसद थी जो अब (2022-23) बढ़ कर पांच फीसद हो चुकी है। 

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    मध्य प्रदेश का हिस्सा राष्ट्रीय निवेश में साल दर साल बढ़ा है, जो इस राज्य को दूसरे राज्यों से अलग बनाता है। छत्तीसगढ़ में भी निजी निवेश की हिस्सेदारी (देश में होने वाले कुल निजी निवेश के मुकाबले) बढ़ी है और इस दौरान 0.9 फीसद से बढ़ कर 1.4 फीसद हुई है। वैसे राजस्थान का प्रदर्शन भी अच्छा ही कहा जाएगा। वर्ष 2018-19 में कांग्रेस शासित इस राज्य में होने वाला निवेश राष्ट्रीय निजी निवेश का 7.7 फीसद था जो वर्ष 2022-3 में घट कर 3.1 फीसद हो गई है। लेकिन यह पूरी तस्वीर नहीं है। 

    राजस्थान में निवेश घटा 

    वर्ष 2020-21 में राजस्थान का हिस्सा 17.1 फीसद था जो इसके बाद के वर्ष में घट कर 12.6 फीसद हो गया और अब तीन फीसद के करीब आ गया है। जब पूरे देश में निजी निवेश की स्थिति में भारी सुधार आया है तब राजस्थान की हिस्सेदारी का घटना राज्य में निवेश के माहौल के लिए शुभ संकेत नहीं है। 

    52 फीसद निवेश यूपी, गुजरात और ओडिशा में 

    आरबीआइ का डाटा बताता है कि वर्ष 2021-22 में देश में लगाई जाने वाली नई परियोनजाओं की लागत 1,41,496 करोड़ रुपये थी जो वर्ष 2022-23 में बढ़ कर 2,66,547 करोड़ रुपये हो गई है। यह डाटा बताता है कि देश में पिछले वित्त वर्ष देश में जितनी निजी नई औद्योगिक परियोजनाएं लगाई गई हैं उनमें 52 फीसद सिर्फ उत्तर प्रदेश, गुजरात और ओडिशा में लगाई गई हैं। 

    तेलंगाना का आकर्षण कम हो रहा है

    अगर दूसरे चुनावी राज्यों की बात करें तो राष्ट्रीय स्तर पर लगाई जाने वाले निजी परियोजनाओं में इसकी हिस्सेदारी उक्त अवधि के दौरान 9.1 फीसद से घट कर 1.9 फीसद रह गई है। वैसे दक्षिण भारत के राज्य निवेश आकर्षित करने में आगे रहते हैं, लेकिन यह डाटा बताता है कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के मुकाबले तेलंगाना का आकर्षण कम हो रहा है। 

    मोटे तौर पर पिचले पांच वर्षों से कुल नई परियोजनाों में इसकी हिस्सेदारी लगातार घट रही है। जबकि राज्य सरकार का दावा है कि उसकी निवेश नीति पूरे देश में सबसे बेहतरीन है। अगर छत्तीसगढ़ की बात करें तो इसकी स्थिति कमोबेश एक जैसी बनी हुई है। पिछले पांच वर्षों से नई औद्योगिक परियोजनाओं में इसकी हिस्सेदारी एक फीसद के करीब बनी हुई है।

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