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    अफ्रीका में भारत और जापान मिलकर करेंगे काम, जयशंकर के एलान से चीन की बढ़ गई टेंशन

    जापान-भारत-अफ्रीका फोरम की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत और जापान अफ्रीका व दूसरे क्षेत्रों में विकास व आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने को प्रतिबद्ध हैं। इसके बाद से ही चीन की टेंशन बढ़ गई है। दरअसल चीन अफ्रीका में निवेश करने वाला सबसे बड़ा देश है। वह 51 अरब डॉलर का निवेश करेगा।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Wed, 26 Feb 2025 11:30 PM (IST)
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    भारत और जापान के बीच अफ्रीका में साझा परियोजना चलाने पर कर रहे विचार (फोटो: @DrSJaishankar)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अफ्रीकी देशों में अपनी ढांचागत परियोजनाओं से गहरी पैठ बना चुके चीन को भारत व जापान से चुनौती मिलेगी। भारत और जापान के बीच अफ्रीका में साझा परियोजना चलाने को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है।

    लेकिन भारत इस बात का ख्याल रखेगा कि अफ्रीका में उसकी तरफ से लगाई जाने वाली परियोजनाएं सिर्फ कुछ हासिल करने के उद्देश्य से नहीं लगाई जाएंगी। इनका उद्देश्य यह होगा कि सभी पक्षों के हितों का ख्याल रखा जाए। इस बात का संकेत विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान-भारत-अफ्रीका फोरम की बैठक को संबोधित करते हुए दिया।

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    भारत और जापान आएंगे साथ

    जयशंकर ने कहा कि भारत और जापान अफ्रीका व दूसरे क्षेत्रों में विकास व आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने को प्रतिबद्ध हैं। भारत और जापान काफी लंबे समय से तीसरे देशों में कनेक्टिविटी व अन्य परियोजनाओं को साझा तौर पर लागू करने के लिए वचनबद्ध हैं।

    हालांकि, अभी तक किसी अहम परियोजना की इन्होंने घोषणा नहीं की है। जयशंकर ने कहा कि अफ्रीका को लेकर भारत का हमेशा से यह मानना रहा है कि साझेदारी दीर्घकालिक और सभी पक्षों के हितों का ख्याल रखने वाला हो। भारत सिर्फ हासिल करने के मॉडल को लागू नहीं करना चाहता।

    बिना नाम लिए चीन पर निशाना

    • उन्होंने कहा कि हम क्षमता बढ़ाने, कौशल प्रशिक्षण देने और प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने में भरोसा करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अफ्रीकी देशों को सिर्फ फायदा ना हो बल्कि वहां सतत विकास का ढांचा भी स्थापित हो।
    • कहने की जरूरत नहीं कि विदेश मंत्री ने यहां चीन की तरफ इशारा किया है जिसकी अफ्रीका में चलाई जा रही विकास परियोजनाओं को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। चीन अफ्रीका में निवेश करने वाला सबसे बड़ा देश है।

    चीन करेगा 51 अरब डॉलर का निवेश

    सितंबर, 2024 में बीजिंग में हुए चीन-अफ्रीका फोरम की बैठक के बाद चीन की सरकार की तरफ से बताया गया कि वह अगले तीन वर्षों में अफ्रीकी देशों में कुल 51 अरब डॉलर का निवेश करेगा। इसमें 30 अरब डॉलर कर्ज के तौर पर होगा। कई एजेंसियां पहले ही रिपोर्ट दे चुकी हैं कि चीन की विकास परियोजनाओं के वित्तीय बोझ में अफ्रीकी देश कितना दब चुके हैं।

    चीन के मुकाबले भारत का अफ्रीकी देशों को दिया गया सहयोग बहुत कम है। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि भारत व अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय कारोबार 100 अरब डॉलर को पार कर गया है। भारत ने अफ्रीकी देशों को अभी तक 12 अरब डॉलर का कर्ज दिया है और वहां 200 परियोजनाओं को पूरा किया है। जापान के आने के बाद स्थिति बदल सकती है।

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