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    'हमने स्टाफ को बताया लेकिन वो...', SMS अस्पताल आग से 8 की मौत; परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 09:55 AM (IST)

    जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने से आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में दो महिलाएं शामिल हैं। पीड़ितों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और बताया कि आग बुझाने के लिए कोई उपकरण उपलब्ध नहीं था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

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    जयपुर के SMS अस्पताल में आग लगने से 8 लोगों की गई जान। (फोटो- एएनआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के आईसीयू वार्ड में देर रात आग लग गई। इस भीषण आग के कारण आठ लोगों की मौत हो गई।

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    अधिकारियों ने सोमवार सोमवार तड़के बताया कि मृतकों में दो महिलाएं शामिल हैं। पीड़ितों और उनके परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में आग से बचने या आग को बुझाने का कोई उपकरण उपलब्ध नहीं था। इस घटना की जांच के लिए सीएम भजनलाल शर्मा ने जांच के आदेश दिए हैं।

    सीएम भजनलाल शर्मा ने दिए जांच के आदेश

    राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। जांच के लिए एक समिति की घोषणा की गई है। समिति की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त इकबाल खान करेंगे।

    पीड़ितों ने बताया आंखों देखा हाल

    जयपुर के एसएमएस अस्पाल में लगी आग को लेकर नरेंद्र सिंह ने बताया कि जिस दौरान ये घटना हुई वह खाना खा रहे थे। नरेंद्र की मां की इस आईसीयू वार्ड में भर्ती थी। वह जब तक कुछ समझ पाते, उनकी मां की मौत हो चुकी थी।

    समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने बताया कि आईसीयू में आग लग गई थी, और मुझे पता भी नहीं चला। मैं उस समय नीचे खाना खाने आया था। आग बुझाने के लिए कोई उपकरण भी नहीं था, कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। मेरी मां वहां भर्ती थीं। बता दें कि जिस आईसीयू वार्ड में आग लगी, उसमें 11 मरीजों का उपचार चल रहा था।

    पीड़ितों ने लगाए ये लापरवाही के आरोप

    पीड़ितों के परिवारों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में आग बुझाने और मरीजों को बचाने के लिए कोई भी संसाधन मौजूद नहीं था। इसके अलावा पीड़ितों के परिजनों का आरोप है कि समय पर एक्शन नहीं लिया गया।

    अस्पताल से भाग चुके थे डॉक्टर

    ओमप्रकाश नाम के एक व्यक्ति का चचेरा भाई अस्पताल में भर्ती था। उसकी भी इस आग की घटना में मौत हो गई। ओमप्रकाश बताते हैं कि रात के करीब साढ़े 11 बजे जब धुआं फैलने लगा, तो उन्होंने डॉक्टरों को मरीजों को होने वाली संभावित परेशानी के बारे में आगाह किया।

    एएनआई से बात करते हुए ओम प्रकाश ने बताया कि जब तक धुआं बढ़ता, डॉक्टर और कंपाउंडर भाग चुके थे। केवल चार-पांच मरीजों को ही निकाला जा सका। दुर्भाग्य से, इस घटना में मेरी मौसी के बेटे की जान चली गई। वह लगभग ठीक हो रहा था और उसे दो-तीन दिनों में छुट्टी मिलनी थी।

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