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    जयपुर में जिस बस में लगी आग, उसमें नहीं था आपातकालीन द्वार; हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 10:00 PM (IST)

    राजस्थान के जयपुर में एक बस में हाईटेंशन लाइन से आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई। बस बरेली की मंसूरी ट्रेवल्स की थी, जिसका परमिट खत्म हो चुका था। बस में आपातकालीन द्वार नहीं था और छत पर सामान भरा हुआ था। उत्तर प्रदेश में बस पर कई चालान थे, लेकिन राजस्थान में किसी ने इसे नहीं रोका। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और परिवहन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

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    जयपुर में जिस बस में लगी आग उसमें नहीं था आपातकालीन द्वार (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में जयपुर जिले के अंतर्गत मनोहरपुर में बिजली की हाइटेंशन लाइन के संपर्क में आने से जिस बस में आग लगने से तीन की मृत्यु और दर्जन भर लोग घायल हुए, वह बस उत्तरप्रदेश में बरेली के मंसूरी ट्रेवल्स द्वारा संचालित थी।

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    इस बस का रजिस्ट्रेशन सितंबर में और परमिट 21 अप्रैल को खत्म हो चुका है। राजस्थान पुलिस और परिवहन विभाग की जांच में सामने आया कि इस बस के उत्तरप्रदेश में तेज गति और क्षमता से अधिक सामान रखने (ओवरलोड) के मामले में 41 चालान कटे हुए हैं।

    बस में आपातकालीन गेट भी नहीं था, इस कारण बस में सवार लोग जल्द बाहर नहीं निकल सके। खिड़कियों के कांच भी पूरी तरह से बंद किए हुए थे। बस में करंट उतरने और आग लगने से यात्रियों में अफरा-तफरी मची, इस दौरान कई लोग कांच तोड़कर खिड़कियों से कूद गए। इस दौरान मची अफरा-तफरी में बस में सवार कई महिलाओं और बच्चों को चोटें भी आई।

    अधिकारियों के अनुसार बस की छत पर चार फीट ऊंचाई तक सामान रखा हुआ था, जो नियमों के विरूद्ध है। छत पर दस गैस के सिलेंडर, छह बाइक, बस में सवार लोगों के कपड़े और अन्य सामान रखे हुए थे। हाइटेंशन लाइन के संपर्क में आने से तेजी से आग भड़की और इस आग ने पूरी बस को चपेट में ले लिया।

    मनोहरपुर पुलिस थाना अधिकारी भगवान सहाय मीणा ने बताया कि बस में आग लगते ही चालक और परिचालक फरार हो गए। बस संचालित करने वाली कंपनी, मालिक और चालक के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। दस्तावेज देखने में सामने आया कि बस का परमिट सितंबर माह में समाप्त हो चुका था।

    उधर उत्तरप्रदेश के आगरा से राजस्थान सीमा में प्रवेश करने के बाद घटनास्थल तक बस के पहुंचने में प्रदेश के दो जिले भरतपुर एवं दौसा मार्ग में आते हैं। दोनों जिलों के जिला परिवहन अधिकारियों एवं उनकी टीम ने ओवरलोडेड बस को रोक कर जांच नहीं की।

    ऐसे में इनकी जिम्मेदारी मानते हुए भरतपुर के जिला परिवहन अधिकारी प्रभुदयाल बामनिया एवं दौसा के जिला परिवहन अधिकारी जगदीश अमरावत को नोटिस जारी करने के साथ ही तीन परिवहन निरीक्षकों को पद से हटाकर प्रतीक्षा में रखा गया है।

    दोनों राज्यों में कोई जांच नहीं हुई

    बस में उत्तरप्रदेश में पीलीभीत के पूरनपुर, शेरपुर, कल्याणपुर गांव के 65 और बरेली के तीन लोग सवार थे। बस हापुड,मथुरा होते हुए राजस्थान के भरतपुर,दौसा होते हुए जयपुर जिले में पहुंची। इस दौरान दोनों ही राज्यों के परिवहन एवं पुलिस विभाग की टीम ने 530 किलोमीटर के मार्ग में बस को कहीं नहीं रोका।

    कहने के बाद भी नहीं रोकी बस

    बस में सवार शफीक अहमद, मेहरून्निसा, नसरीन एवं जफ्फार ने कहा, 27 अक्टूबर की रात को पीलीभीत से रवाना होकर 28 अक्टूबर को बस जयपुर जिले में पहुंची थी। टोड़ी गांव में रास्ता काफी खराब था। लोगों ने बस रोकने के लिए कहा, लेकिन बस चालक नहीं माना।

    बस में सवार लोगों को घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर फौजी ईंट भट्टे पर मजदूरी के लिए जाना था। खराब रास्ते के बीच ही बस की छत पर रखी बाइक और गैस के सिलेंडर से बिजली की हाइटेंशन लाइन संपर्क में आ गई और अचानक विस्फोट हुआ फिर बस में आग फैल गई।

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