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    नागपुर में किसान आंदोलन से लगा 30km लंबा जाम, उत्तर भारत को साउथ इंडिया से जोड़ता है यह मार्ग

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 09:21 PM (IST)

    नागपुर में किसान आंदोलन के कारण 30 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रदर्शनकारी नागपुर-वर्धा रोड पर डटे रहे। बच्चू कड़ू के नेतृत्व में, किसानों ने कर्ज माफी और अन्य मांगों को लेकर NH-44 पर प्रदर्शन किया, जिससे यातायात बाधित हुआ। कोर्ट ने शाम 6 बजे तक हाइवे खाली करने का आदेश दिया, जिसके बाद सरकार ने बातचीत के लिए मंत्रियों को भेजा।

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    नागपुर में किसान आंदोलन से लगा 30km लंबा जाम (फोटो सोर्स- पीटीआई)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। नागपुर में किसान आंदोलन के कारण 30 किमी. लंबा जाम लग गया है। मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के आदेश के बावजूद आंदोलनकारी नागपुर-वर्धा रोड पर जमे हुए हैं।

    आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक बच्चू कड़ू कोर्ट का आदेश आने बाद मुंबई-नागपुर हाइवे से उठकर नागपुर शहर की ओर रवाना हो गए हैं। इसके कारण शहर की यातायात व्यवस्था भी बिगड़ने की आशंका बनने लगी है।

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    महा एल्गार मार्च की घोषणा

    प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कड़ू ने सरकार के पुराने वायदे पूरा न होने के कारण ‘महा एल्गार मार्च’ की घोषणा की थी।

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    संपूर्ण कर्ज माफी एवं किसानों की खतौनी पर चढ़े कर्ज को पूरी तरह साफ करने सहित कई और मांगों को लेकर मंगलवार को हजारों की संख्या में किसान 250 से 300 तक ट्रैक्टर लेकर नागपुर-वर्धा हाइवे एनएच-44 पर पहुंच गए।

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    30km लंबे जाम से लोग परेशान

    यह मार्ग उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने के लिए जाना जाता है। किसानों ने बुधवार को भी यह जाम जारी रखा। इसके कारण 30 किमी. से अधिक दूरी तक वाहनों की कतार लग गई।

    इस आंदोलन में बच्चू कड़ू का साथ देने के लिए किसान नेता राजू शेट्टी, पृथक विदर्भ आंदोलन के नेता वामनराव चटप एवं धनगरों के नेता महादेव जानकर भी पहुंच गए।

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    एनएच-44 पर लगे लंबे जाम को देखते हुए बुधवार को मुंबई उच्चन्यायालय की नागपुर पीठ ने स्वतः संज्ञान लिया।

    न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की पीठ ने एक आदेश पारित कर कहा कि शाम छह बजे तक आंदोलनकारी हाइवे खाली करें। कोर्ट ने कहा कि किसानों को आंदोलन की अनुमति सिर्फ 24 घंटे के लिए दी गई थी।

    6 बजे से पहले समाप्त होना था धरना

    धरना निर्धारित समय सीमा खत्म होने के बाद भी जारी रखा गया है। इसे छह बजे से पहले समाप्त किया जाना चाहिए।

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    इस बीच सरकार की ओर से दो राज्य मंत्रियों आशीष जायसवाल एवं पंकज भोयर को किसानों से बात करने के लिए भेजा गया है। खबर लिखे जाने तक यह बातचीत शुरू हो चुकी थी।

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