साउथ कश्मीर में CRPF कैम्प पर हुए हमले का आखिर क्या है मक़सद
जम्मू कश्मीर के डीजीपी एसपी वैध ने खुफिया जानकारी के हवाले से इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि इस घटना के पीछे जैश ए मोहम्मद का हाथ है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। मंगलवार को साउथ कश्मीर में आंतकियों ने छह घंटों तक सिलसिलेवार हमले कर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के पन्द्रह जवान, राज्य पुलिस और सेना के जवान घायल हुए हैं। सेवानिवृत न्यायाधीश की सुरक्षा में लगे दो पुलिसवाले घायल भी हुए जबकि आतंकियों ने सुरक्षाबलों से उनकी राइफलें लूट ली।
हमले के पीछे जैश ए मोहम्मद
ऐसा माना जा रहा है कि घाटी में हुए सीरियल हमले के पीछे जैश ए मोहम्मद और अल-उमर का हाथ हो सकता है। जम्मू कश्मीर के डीजीपी डॉक्टर एसपी वैध ने खुफिया जानकारी के हवाले से इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि इस घटना के पीछे जैश ए मोहम्मद का हाथ है। हालांकि, उन्होंने बताया कि इसकी जम्मेदारी हिज्बुल मुजाहिदीन ने भी ली है। लेकिन इस बात की पुख्ता जानकारी है कि इस हमले को जैश ए मोहम्मद ने ही अंजाम दिया है। डीजीपी ने कहा कि इन आतंकियों ने पिछले साल भी रमजान के इस पवित्र महीने में हमले किए थे ऐसे में उनके लिए यह कोई नई बात नहीं है।
दक्षिण कश्मीर में बढ़ी आतंकी गतिविधियां
पिछले कुछ महीने से लगातार दक्षिण कश्मीर में आतंकी गतिविधियां काफी बढ़ गई है। डीजीपी वैध का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि जो लोग इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं वे सभी स्थानीय लोग है जबकि उत्तरी कश्मीर में जो लोग ऐसा कर रहे हैं वह विदेशी आतंकी है और वे सभी सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि जून 29 से शुरू हो रहे अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाएंगे। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या नहीं आने दी जाएगी। हालांकि, स्थिति सामान्य रहने के बावजूद सुरक्षाबलों को पूरी घाटी में हाई अलर्ट पर रखा गया है।
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क्या कहते हैं जानकार
दरअसल, मंगलवार की शाम को जिस तरह आतंकियों ने छह जगहों पर हमले किए उसको लेकर रक्षा विशेषज्ञ और पूर्व मेजर जनरल अफसर करीम ने jagran.com से खास बातचीत में बताया कि इस हमले में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ क्योंकि वे हमले ग्रेनेड फेंक कर किए गए थे जिसमें ज्यादातर लोग वहां के स्थानीय थे। हालांकि, त्राल में नुकसान ज्यादा हुआ है। अफसर करीम ने कहा कि यह हमले बताते है कि इसमें वहां के स्थानीय आतंकी जैश ए मोहम्मद का हाथ है क्योंकि लश्कर और जैश यहीं दोनों घाटी में सक्रिय है। लेकिन, उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा क्यों हुआ इसको देखने की जरूरत है क्योंकि यह घटना बताती है कि वहां पर अभी भी आतंकी संगठन सक्रिय है और इंटेलिजेंस एजेंसी, आर्मी और पॉलिटिकल पार्टी उनका कुछ भी नहीं कर पा रही है।
आतंकी कैंपों पर हमले की है जरूरत
अफसर करीम ने बताया कि आज ऐसे हमले हो रहे है इसका यह मतलब है कि आतंकी पूरी तरह से सक्रिय है। इसलिए, ऐसे आतंकी हमलों से निपटने के लिए जरूरत है जहां कहीं भी आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप बने है उसे तबाह किया जाए। उन्होंने बताया कि अगर किसी दूसरे देश के साथ ऐसा होता है तो वह पाकिस्तान के अंदर घुस कर मारने की बात करते हैं तो फिर भारत क्यों सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रह जाता है। ऐसे में जरूरत है कड़ी कार्रवाई करने की।
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