हम एक उड़ान से खुश, चीन ने बना डाला पानी से उड़ान भरने वाला सबसे बड़ा विमान
चीन अपने बड़े प्रोजेक्ट के लिए लगातार दुनिया का ध्यान खींच रहा है। चीन की इंजीनियरिंग लगातार नए आसमान छू रही है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। हाल ही संपन्न हुए गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे विमान पर सवार होकर गुजरात पहुंचे जो नदी में भी उतर सकता है। जाहिर है इसको लेकर उन्हें खूब मीडिया अटेंशन भी मिली। भारत के लिए यह एक अनूठी पहल है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। केंद्र सरकार की अब छोटे शहरों को ऐसे ही विमानों से जोड़ने की योजना है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह पहली बार भारत में ही हो रहा हो। दुनिया के कई अन्य देशों में ऐसे विमान लंबे वक्त से चलन में हैं। लेकिन इस मामले में हमारा पड़ोसी चीन बाकियों से दो कदम आगे है।
चीन ने ऐसा क्या कर दिया
चीन अपने बड़े प्रोजेक्ट के लिए लगातार दुनिया का ध्यान खींच रहा है। चीन की इंजीनियरिंग लगातार नए आसमान छू रही है। एक के बाद एक चीन ऐसे निर्माण कर रहा है जो दुनिया को चकित करने के लिए काफी हैं। इसी कड़ी में अब चीन ने दुनिया का सबसे बड़ा एम्फीबियस यानी जल और जमीन से उड़ान भरने-उतरने में सक्षम विमान बना डाला है। एजी-600 नामक इस विमान ने रविवार 24 दिसंबर 2017 को अपनी पहली उड़ान भरी।
बोइंग 737 जितना बड़ा है यह विमान
इस विमान को एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (एवीआइसी) ने बनाया है। 40 मीटर लंबा यह विमान बोइंग 737 जितना बड़ा है। इसे दमकल और बचाव अभियानों में इस्तेमाल करने के हिसाब से बनाया गया है। साथ ही इसे चीनी सेना द्वारा विवादित दक्षिण चीन सागर में भी विभिन्न अभियानों में इस्तेमाल करने की योजना है।
बोइंग 737 से कैसे है अलग
बोइंग 737 एक पैसेंजर विमान है और इसके अलग-अलग विमानों में 85 से 215 तक लोगों के बैठने की जगह होती है। जबकि चीन निर्मित एजी-600 राहत-बचाव अभियानों के लिए बनाया विमान है। इसमें 50 तक लोगों के बैठने की जगह है, इसलिए राहत-बचाव कार्यों में इसके व्यापक इस्तेमाल की संभावना है। बोइंग सिर्फ जमीन से उड़ान भर सकता है और लैंड भी जमीन पर ही होता है, जबकि एजी-600 जमीन और पानी दोनों जगहों से उड़ान भरने के साथ ही लैंड भी कर सकता है। बोइंग 737 में 2 इंजन हैं जबसि एजी600 में चार इंजन हैं।
आठ साल में बना डाला अजूबा
चीनी सरकार ने एजी-600 के निर्माण को साल 2009 में मंजूरी दी थी। इसे बनाने के लिए एवीआइसी समेत 150 संस्थानों के शोधकर्ताओं की टीम लगी। साथ ही इसके पुर्जे बनाने के लिए 70 कंपनियों का सहयोग लिया गया। इसके निर्माण में आठ साल लगे। ज्ञात हो कि चीन ने पिछले साल जुलाई में विमान का प्रोटोटाइप प्रदर्शित किया था।
ऐसी रही पहली उड़ान
एजी-600 ने रविवार को दक्षिण चीन सागर के तट से सटे गुआंगडोंग प्रांत के झुहाई एयरपोर्ट से पहली उड़ान भरी। यह एक घंटे की उड़ान के बाद वापस लौट आया। पहले इस विमान को 2017 की शुरुआत में पहली उड़ान भरनी थी। लेकिन यह टल गई और अप्रैल में इसके जमीनी परीक्षण किए गए।
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यहां होगा बड़े स्तर पर इस्तेमाल
एजी-600 को बड़े दमकल अभियानों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। जंगलों में लगी आग जैसी बड़ी घटनाओं में दमकल अभियान के लिए महज 20 सेकंड में यह 12 मीट्रिक टन पानी किसी भी जल स्रोत से भर लेता है। इससे एक बार में इतने पानी का छिड़काव किया जा सकता है।
दक्षिण चीन सागर की रणनीति
विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले काफी समय से चीन अपनी पनडुब्बियों और विमानों को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है। दक्षिण चीन सागर को लेकर यह उसकी रणनीति का हिस्सा है। चीन इसे दक्षिण चीन सागर पर दावा जताने वाले देशों के खिलाफ सैन्य अभियानों में भी इस्तेमाल कर सकता है। चीन को इस विमान के 17 आर्डर भी मिल चुके हैं।
बचाव अभियान
एम्फीबियस विमान होने के कारण इसे कठिन से कठिन बचाव अभियानों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसमें कुल 50 लोगों के बैठने की क्षमता है। इसके जरिये एक बार में ही अधिक लोग बचाए जा सकते हैं।
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