Move to Jagran APP

नवाज शरीफ को नहीं रहा अपने भाई शाहबाज पर भरोसा, या है कुछ और बात

नवाज शरीफ के भाई शाहबाज अब देश की कमान नहीं संभाल सकेंगे। इसकी पीछे की वजह क्‍या हैं आप भी जानिए।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 06 Aug 2017 11:09 AM (IST)Updated: Sun, 06 Aug 2017 11:25 AM (IST)
नवाज शरीफ को नहीं रहा अपने भाई शाहबाज पर भरोसा, या है कुछ और बात
नवाज शरीफ को नहीं रहा अपने भाई शाहबाज पर भरोसा, या है कुछ और बात

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। नवाज शरीफ द्वारा प्रधानमंत्री पद छोड़ने से पहले ही शाहबाज शरीफ को लेकर अटकलें चरम पर थीं कि वह अब देश की सत्‍ता पर नवाज के उत्‍तराधिकारी के रूप में काबिज होंगे। लेकिन ऐसा न तो हुआ और न ही अब ऐसा होने की उम्‍मीद है। ऐसा हम नहीं बल्कि खुद पीएमएल-एन के नेता सोच रहे हैं। पाकिस्‍तान के प्रमुख अखबार डॉन की खबर के मुताबिक नवाज की पार्टी पीएमएल-एन के ज्‍यादातर नेताओं के मुताबिक शाहबाज एक बहुत बड़ा मौका खो चुके हैं और अब उनका प्रधानमंत्री बनना लगभग नामुमकिन है। इतना ही नहीं पहले जहां शाहबाज को देश का पीएम बनने की सूरत में पंजाब की बागडाेर उनके बेटे हमजा को सौंपने की बात थी अब इस पर भी पानी फिरता दिखाई दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इसकी कुछ खास वजहे हैं। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि जिस नेशनल असेंबली का सदस्‍य बनने के बाद शाहबाज पीएम की कुर्सी पर बैठने वाले थे, अब वह इस दौड से ही बाहर हो गए हैं।

loksabha election banner

सदन का दस माह का कार्यकाल शेष

पार्टी के नेताओं का मानना है कि मौजूदा सदन का कार्यकाल अब महज दस माह का ही शेष बचा है। ऐसे में जब 2018 में आम चुनाव होंगे तो पार्टी की जीत की सूरत में भी शाहबाज के पीएम बनने का मौका अब कम ही है। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि नवाज के पास फिलहाल शाहबाज के अलावा और कई भरोसेमंद लोग इसकी रेस में शामिल हाेंगे। जिसमें सबसे पहला नाम नवाज की पत्‍नी कुलसुम नवाज का है। कुलसुम नवाज पार्टी कार्यकर्ताओं में भी काफी अच्‍छी छवि रखती हैं। इतना ही नहीं परवेज मुशर्रफ के शासन में जब नवाज को देश छोडकर जाना पड़ा था उस वक्‍त कुलसुम ने ही पार्टी को एकजुट रखा था और नवाज की वतन वापसी की कोशिशें की थीं। उस वक्‍त उनकी छवि पार्टी में काफी बेहतर थी और उनका कद भी काफी बड़ा था। ऐसे में यदि 2018 में पार्टी चुनाव जीतेगी भी तो पहला नाम उनका ही होगा।

यह भी पढ़ें: वाह रे इमरान खान, 64 वर्ष की उम्र में भी इनसे संजोए हैं शादी के सपने!

पीएम बनने की रेस में पहले मरियम भी थी

अखबार की मानें तो इसके लिए एक नाम नवाज की बेटी मरियम का भी था, लेकिन कोर्ट ने उन्‍हें भी दोषी ठहराया है लिहाजा उनके भावी पीएम बनने की संभावना लगभग खत्‍म हो चुकी है। अखबार ने पीएमएल-एन के नेता के हवाले से लिखा है कि मौजूदा समय में शाहबाज ने जो मौका खोया है उसकी वजह शायद यह है कि वह नवाज को यह समझाने में नाकामयाब रहे कि वह देश और पार्टी को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं या फिर एक वजह यह भी हो सकती है कि नवाज को इस बात का भी डर सताने लगा है कि यदि शाहबाज को सत्‍ता दे दी गई तो शायद उनके अपने परिवार के हाथों से यह पूरी तरह से निकल जाएगी। ऐसे में वापसी करना काफी कठिन होगा।

नहीं बनी बात

अखबार के मुताबिक शाहबाज ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश जरूर की कि नवाज पंजाब को लेकर परेशान न हों, क्‍योंकि उनके पीएम बनने की सूरत में पंजाब की बागडोर हमजा संभाल लेंगे लेकिन फिर भी बात नहीं बनी। हालांकि शाहबाज ने अपनी तरफ से नवाज को पीएमएल-एन के नेताओं के समर्थन की लंबी चौड़ी लिस्‍ट भी भेजी थी जिसमें हमजा को पंजाब और खुद को पीएम बनाने की अपील की गई थी लेकिन किस्‍मत ने उनका साथ नहीं दिया, और अब शायद देगी भी नहीं। बाद में अब्‍बासी का नाम फाइनल होने के बाद शाहबाज ने मीडिया में कहलवाया कि पंजाब केवल वही बचा सकते हैं। अब नवाज की तरफ से शाहबाज को यह मैसेज भी दे दिया गया है कि अब्‍बासी की सूरत में नवाज केंद्र और शाहबाज पंजाब पर काबिज रहेंगे।

यह भी पढ़ें: सिर्फ 'नवाज' पर ही क्‍यों रोता है एे 'पाक', तेरे यहां तो और भी किस्‍मत के मारे हैं

शाहबाज नहीं बनेंगे नेशनल असेंबली के सदस्‍य

अब केवल इस बात का अनाउंसमेंट करना बाकी रह गया है कि नेशनल असेंबली का सदस्‍य बनने की रेस में शाहबाज कहीं नहीं हैं। गौरतलब है कि 17 सितंबर को नेशनल असेंबली की 120 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। पाकिस्‍तान के चुनाव आयोग ने भी उन्‍हें उप-चुनाव के लिए कैंपेन करने से मना कर दिया है। इसी दौरान लाहौर की उस सीट पर भी चुनाव होगा जिससे नवाज शरीफ खुद नेशनल असेंबली के सदस्‍य थे। पार्टी के दूसरे सदस्‍य ख्‍वाजा आसिफ और खुर्रम दस्‍तगीर इस बात को पूरी तरह से कंफर्म कर चुके हैं कि शाहबाज अब पंजाब में ही रहेंगे। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि पंजाब में पार्टी की पॉजीशन और शाहबाज की पकड़ दोनों ही काफी अच्‍छी है । पार्टी के कई दूसरे नेताओं की भी राय कुछ ऐसी ही है।

पंजाब में ही रहेंगे शाहबाज

पंजाब के कानून मंत्री राणा सनाउल्‍ला खान के मुताबिक शाहबाज का पंजाब में रहना तय है। इसका अनाउंसमेंट नवाज जल्‍द ही कर भी देंगे। हालांकि वह नवाज और शाहबाज के बीच किसी तरह के मतभेदों से पूरी तरह से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि दोनों में काफी प्रेम है और दोनों ही एक दूसरे की काफी इज्‍जत करते हैं। उनके मुताबिक शाहबाज नवाज का कहा कभी नहीं टालते हैं। हालांकि   पीएमएल-एन के नेता जिस बात की आेर इशारा कर रहे हैं इसका अंदेशा पहले से ही था। दैनिक जागरण ने इस तरह की बात पहले ही कही थी कि शाहबाज का नाम पीएम बनने की लिस्‍ट में है तो सही लेकिन उनका पीएम बनना तय नहीं होगा।

यह भी पढ़ें: भाभा से डरता था अमेरिका, इसलिए उनके विमान को सीआईए ने बम से उड़ाया था!


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.