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नई नहीं है नोएडा में फर्जी एनकाउंटर की घटना, कई इलाके बन चुके हैं एनकाउंटर स्‍पॉट

दिल्‍ली से सटे नोयडा के सेक्‍टर 122 में हुए फर्जी एनकाउंटर ने एक बार फिर से आम लोगों के मन में पुलिस के प्रति दहशत पैदा करने का काम किया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 02:53 PM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 05:34 PM (IST)
नई नहीं है नोएडा में फर्जी एनकाउंटर की घटना, कई इलाके बन चुके हैं एनकाउंटर स्‍पॉट
नई नहीं है नोएडा में फर्जी एनकाउंटर की घटना, कई इलाके बन चुके हैं एनकाउंटर स्‍पॉट

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। दिल्‍ली से सटे नोएडा के सेक्‍टर 122 में हुए फर्जी एनकाउंटर ने एक बार फिर से आम लोगों के मन में पुलिस के प्रति दहशत पैदा करने का काम किया है। इस एनकाउंटर में घायल जिम ट्रेनर जितेंद्र यादव उर्फ डंबर की हालत फिलहाल काफी नाजुक बनी हुई है। इसको लेकर लोगों में काफी रोष व्‍याप्‍त है। हालांकि आरोपी दरोगा और उसके साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की गूंज सदन तक में सुनाई दी है। समाजवादी पार्टी के सांसदों ने इस मामले पर स्थगन प्रस्ताव लाते हुए तत्काल चर्चा कराने की मांग की थी। बहरहाल इस पूरे मामले में दो कहानी सामने आई हैं पहली कहानी फर्जी एनकाउंटर है तो दूसरी इसके जरिए आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने की है। यह दोनों ही कहानियां अपने आप में बेहद चौंकाने वाली है।

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भोजपुर एनकाउंटर

एनकाउंटर की इस कहानी ने 1996 के भोजपुर फर्जी एनकाउंटर को याद दिला दिया है। इस एनकाउंटर को भी प्रमोशन पाने के लिए अंजाम दिया गया था। आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने के लिए पुलिसकर्मियों ने दो युवकों को पुलिया पर और दो को ईंख के खेत में मार गिराया था। मुठभेड़ साबित करने के लिए उनके पास तमंचे रख दिए थे और उनसे 16 राउंड फायर किए जाने का दावा किया था। इस मामले में 112 लोगों की गवाही हुई। पिछले वर्ष सीबीआई की अदालत ने इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को हत्या और फर्जी सुबूत पेश करने दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी। हम आपको बता दें कि नोयडा के लिए इस तरह की घटनाएं नई नहीं हैं। बल्कि यदि कहा जाए कि नोयडा के कुछ इलाके एनकाउंटर साइट के तौर पर कुख्‍यात हैं तो भी गलत नहीं होगा।

योगी सरकार में एनकाउंटर

इससे पहले आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 10 महीने के कार्यकाल में अब तक प्रदेश में पुलिस और अपराधियों के बीच 1142 एनकाउंटर हुए हैं। इस दौरान 2744 अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं, वहीं 34 को पुलिस ने मार गिराया है। एनकाउंटर के मामले में पश्चिम उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा है। अकेले मेरठ जोन में ही 449 इनकाउंटर हुए। इनमें 985 की गिरफ्तारी हुई, जबकि 22 अपराधी मारे गए और 155 घायल हुए। इस दौरान 128 पुलिसकर्मी घायल भी हुए जबकि एक की मौत हो गई। यह जानकारी उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दी गई है।

अब आपको जरा नोयडा के उन इलाकों के बारे में जानकारी दे देते हैं जो फर्जी एनकाउंटर के मामले में कुख्‍यात हो चुके हैं।

इसमें सबसे पहले दादरी का आमका रोड आता है। यह जगह फर्जी एनकाउंटर के तौर पर जानी जाती है। दिसंबर में यहां पर पुलिस ने 65 हजार रुपए के इनामी बदमाश असलम को मार गिराया था। इस एनकाउंटर में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। यह जगह दादरी थाना क्षेत्र में आता है। इसकी जानकारी के तौर पर पुलिस ने बताया था कि उन्‍हें गोपनीय सूचना मिली कि कुछ कुख्यात बदमाश किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए दादरी में आए हैं। इसके बाद पुलिस ने चेकिंग शुरू की लेकिन बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की और असलम मारा गया।

130 ग्रेटर नोयडा पश्चिम नोयडा के बिसरख थाना क्षेत्र में आता है। यहां पर पिछले वर्ष सितंबर और नवंबर में एनकाउंटर हुए थे। इसके अलावा इस वर्ष भी इस इलाके में गोलीबारी की खबर सामने आई थी।

चाई 4 सेक्टर नोयडा के कासना क्षेत्र में आता है। यहां पर अक्‍सर बदमाशों के साथ मुठभेड़ की खबरें सुनाई देती हैं। पिछले वर्ष अक्‍टूबर में यहां पर हुए एक एनकाउंटर में 50 हजार का इनामी बदमाश मारा गया था, जबकि उसके तीन साथी फरार हो गए थे। पुलिस को जानकारी मिली थी कि यहां पर लूट के इरादे से कुछ बदमाश आए हुए हैं।

कनावनी पुलिया गाजियाबाद के इंद्रापुरम और वसुंधरा को आपस में जोड़ती है। हालांकि यहां पर अब मुठभेड़ या एनकाउंटर की खबरें यदा-कदा की बात हो गई है। लेकिन कुछ वर्ष पहले यह इलाका एनकाउंटर के लिए कुख्‍यात था।

आपको यहां पर यह भी बता दें कि इन सभी जगहों पर इस वर्ष में अब तक करीब दो-तीन एनकाउंटर सामने आए हैं। हालांकि दैनिक जागरण किसी भी एनकाउंटर को फर्जी नहीं बता रहा है। लेकिन हम सिर्फ इतनी ही बात कर रहे हैं कि यह जगह एनकाउंटर स्‍पॉट के नाम से जानी जाती हैं। ऐसा जिक्र इन इलाकों में रहने वाले लोग भी करते हैं।

यहां पर यह भी बता देना जरूरी होगा कि उत्‍तर प्रदेश में बनी भाजपा की सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इस बात को खुलेतौर पर कहा है कि या तो बदमाश उनके राज्‍य से भाग जाएंगे या फिर मारे जाएंगे। प्रदेश में उनके कार्यकाल में हुए एनकाउंटरों का जिक्र भी वह कई बार कई मंचों पर कर चुके हैं।

इनमें मेरठ में 449, आगरा में 210, बरेली में 196, कानपुर जोन मे 91, वाराणसी में 73, इलाहाबाद में 54, लखनऊ में 38 और गोरखपुर जोन में 31 एनकाउंटर हुए हैं। इन एनकाउंटर में कुल 247 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि 4 शहीद हुए हैं। गिरफ्तार कुल 2744 अपराधियों में से 1853 अपराधी इनामी घोषित हो चुके हैं। इसके अलावा पुलिस ने अब तक कुल 167 के खिलाफ रासुका लगाई, जबकि 169 अपराधियों की 1 अरब 46 करोड़ 79 लाख 49,779 रुपए की संपत्तियां जब्त हुईं हैं।

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