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अगले सप्‍ताह रिकॉर्ड 104 सेटेलाइट छोड़कर इतिहास रचेगा ISRO

15 फरवरी को इसरो के लिए बेहद अहम दिन है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि इसी दिन इसरो एक साथ करीब 104 उपग्रहों को पृथ्वी से करीब 500 किमी दूर प्रक्षेपित करेगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 07 Feb 2017 09:40 AM (IST)Updated: Tue, 07 Feb 2017 10:03 AM (IST)
अगले सप्‍ताह रिकॉर्ड 104 सेटेलाइट छोड़कर इतिहास रचेगा ISRO
अगले सप्‍ताह रिकॉर्ड 104 सेटेलाइट छोड़कर इतिहास रचेगा ISRO

बेंगलुरु (आइएएनएस)। भारत 15 फरवरी को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से रिकॉर्ड 104 उपग्रह छोड़कर इतिहास रचेगा। इसमें 101 विदेशी उपग्रह होंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारी ने कहा, ‘हमने अंतरिम रूप से पृथ्वी से करीब 500 किमी ऊपर सूर्य-समकालिक (सन-सिंक्रोनस) कक्षा में सुबह करीब नौ बजे उपग्रहों को छोड़ने का फैसला किया है।’

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उपग्रहों में तीन भारतीय, 88 अमेरिकी और शेष इजरायल, कजाखिस्तान, नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात से हैं। अधिकारी ने बताया, ‘उपग्रहों का प्रक्षेपण पीएसएलवी-सी37 से किया जाएगा। उपग्रहों का संयुक्त भार 1,500 किग्रा होगा। इसमें 650 किग्रा का रिमोट-सेंसिंग काटरेसेट-2 और 15-15 किग्रा के दो छोटे उपग्रह IA और IB शामिल हैं।’

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसके पहले 22 जून, 2016 को एक बार में 20 उपग्रह छोड़ चुकी है। एक साथ 104 उपग्रह छोड़कर इसरो 2014 में एक साथ 37 उपग्रह छोड़ने के रूस के रिकॉर्ड को और 2013 में 29 उपग्रह एक साथ छोड़ने के अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रिकॉर्ड को पछाड़ देगा।

इससे पूर्व पिछले वर्ष 7 दिसंबर को इसरो ने पीएसएलवी सी-36 के जरिए दूरसंवेदी उपग्रह रिसोर्ससैट-2ए को प्रक्षेपित किया था। 1235 किग्रा वजनी इस उपग्रह को सूर्य की समकालिक कक्षा में स्थापित किया गया था। इसका काम वर्ष 2011 में प्रक्षेपित रिसोर्ससैट-2 के कार्यों को आगे बढ़ाना है। साथ ही वैश्विक उपयोगकर्ताओं के लिए दूरसंवेदी डेटा सेवाएं जारी रखना है।

यह भारत की वन संपदा और जल संसाधनों के बारे में जानकारी देगा।यह सैटलाइट 5 साल तक के लिए सेवाएं देगा। इसके अलावा पिछले वर्ष ही इसरो ने 25 सितंबर को पीएसएलवी सी-35 के जरिए आठ सेटेलाइट्स को पहली बार अलग-अलग कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया था।

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