Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chandrayaan 3: चंद्रमा की सतह के तापमान में पल-पल हो रहा बदलाव, विक्रम लैंडर ने दी ये बड़ी जानकारी

    By Jagran NewsEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Sun, 27 Aug 2023 08:06 PM (IST)

    चंद्रयान-3 के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के बाद अब विक्रम लैंडर ने इसरो को जानकारी भेजना शुरू कर दिया है। लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की सतह के तापमान के बारे में पता लगाया है। चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE) ने बताया कि चंद्रमा की सतह और गहराई के तापमान में काफी अंतर है। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर जनाकारी साझा की है।

    Hero Image
    Chandrayaan 3: चंद्रमा की सतह के तापमान में पल-पल हो रहा बदलाव (फोटो पीटीआई/एएनआई)

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन की बदौलत इतिहास में पहली बार चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के तापमान के बारे में पता चला है। लैंडर विक्रम पर लगे पेलोड चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (चेस्ट) ने चंद्र सतह के तापमान का प्रोफाइल ग्राफ भेज दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को ग्राफ को जारी किया। इसमें गहराई में वृद्धि के साथ तापमान में बदलाव को दर्शाया गया है। गहराई से सतह की ओर बढ़ने के साथ तापमान में भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है। सतह के ऊपर सामान्यतया 50-60 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच तापमान है, जबकि दक्षिण ध्रुव का अधिकतम तापमान 70 डिग्री सेंटीग्रेड है।

    इसरो ने X पर दी जानकारी

    चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE) ने बताया कि चंद्रमा की सतह और गहराई के तापमान में काफी अंतर है। इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया, विक्रम लैंडर पर लगे चेस्ट पेलोड के ये पहले अवलोकन हैं। चंद्र सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए चेस्ट ने दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रोफाइल को मापा। इस पेलोड में उपकरण लगा है, जिसमें तापमान मापने के लिए 10 सेंसर हैं। यह उपकरण कंट्रोल एंट्री सिस्टम की मदद से सतह के नीचे 10 सेमी की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है। ग्राफ में अलग-अलग गहराइयों पर दर्ज किए गए तापमान में अंतर को दर्शाया गया है, जिसे उपकरण ने जांच के दौरान दर्ज किया था। विस्तृत अवलोकन चल रहा है।

    इसरो ने तापमान भिन्नता का ग्राफ किया जारी

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के साथ लगे ‘चेस्ट’ उपकरण द्वारा चंद्र सतह पर मापी गई तापमान भिन्नता का एक ग्राफ रविवार को जारी किया। अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, चंद्र सर्फेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट (चेस्ट) ने चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रालेख को मापा है।

    इस पेलोड को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला (एसपीएल) के नेतृत्व वाली टीम ने भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल), अहमदाबाद के सहयोग से विकसित किया गया है।इससे पहले चंद्रयान-3 के लैंडर माड्यूल (एलएम) ने बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह को चूम कर इतिहास रचा था। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला विश्व का पहला देश बन गया। अब तक अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ (रूस) और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारे हैं। लेकिन भारत से पहले कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंच सका था।

    विक्रम लैंडर ने देखा तापमान में बदलाव, अधिकतम तापमान 70 डिग्री सेल्सियस

    चंद्रमा पर दर्ज किए गए उच्च तापमान को लेकर विज्ञानी हैरान है। इसरो के विज्ञानी बीएचएम दारुकेशा ने कहा, हम सभी मानते थे कि चंद्र सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो सकता है, लेकिन यह 70 डिग्री सेंटीग्रेड है। यह आश्चर्यजनक रूप से हमारी अपेक्षा से अधिक है। उन्होंने कहा, पृथ्वी पर दो से तीन सेंटीमीटर गहराई में हमें तापमान में मुश्किल से दो से तीन डिग्री सेंटीग्रेड का अंतर दिखता है, जबकि चंद्रमा पर यह लगभग 50 डिग्री सेंटीग्रेड है। यह दिलचस्प है।

    उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह के नीचे तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गिर जाता है। वहीं सतह के ऊपर अधिकतम तापमान 70 डिग्री सेल्सियस है। इसरो ने जो ग्राफ शेयर किया है, उसके मुताबिक चंद्रमा की सतह का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस है। 80 मिलीमीटर गहराई पर जाने पर तापमान-10 डिग्री तक गिर जाता है।