ISRO पांच मार्च को जियो इमेजिंग सेटेलाइट GISAT- 1 करेगा लॉन्च
पांच मार्च को इसरो जीएसएलवी-एफ 10 जियो इमेजिंग सैटेलाइट जीआईएसएटी -1 को लॉन्च करने जा रहा है।
बेंगलुरु, एएनआइ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पांच मार्च को जीएसएलवी-एफ 10 जियो इमेजिंग सैटेलाइट, जीआईएसएटी -1 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर लॉन्च करेगा है।
इसरो द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान के अनुसार इस सैटेलाइट का प्रक्षेपण पांच मार्च को मौसम की स्थिति को देखते हुए 5:43 बजे किया जाना तय किया गया है। इसरो का कहना है कि 2,275 किलोग्राम वजनी जीआईसैट-1 एक अत्याधुनिक तेजी से धरती का अवलोकन करने वाला उपग्रह है। इसे भूसमकालीन स्थानांतरण कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
उपग्रह का 2,275 किलोग्राम वजन
लगभग 2,275 किलोग्राम वजनी, जीआईएसएटी -1 एक अत्याधुनिक फुर्तीला पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है जिसे जीएसएलवी-एफ 10 द्वारा जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में रखा जाएगा। इसके बाद, उपग्रह प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करके अंतिम भूस्थिर कक्षा में पहुंच जाएगा। इस जीएसएलवी उड़ान में पहली बार चार मीटर व्यास का ओगिव आकार का पेलोड फेयरिंग (हीट शील्ड) प्रवाहित किया जा रहा है। यह जीएसएलवी की 14वीं उड़ान है। इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जीआइसैट-1 लगभग 18 मिनट का मिशन है। यानी प्रक्षेपण के 18 मिनट बाद जीएसएलवी मार्क-2 रॉकेट उपग्रह को उसकी रक्षा में स्थापित कर देगा।
ये है उपग्रह की खासियत
इस उपग्रह की खासियत ये है कि इसमें विशेष पे लोड उपकरण हैं। साथ ही इसमें इमेजिंग कैमरों की एक विस्तृत श्रंखला है। ये निकट इंफ्रारेड और थर्मल इमेजिंग करने में सक्षम हैं। इतना ही नहीं इन कैमरों में हब्बल दूरदर्शी जैसा 700 एमएम का एक रिची च्रीटियन प्रणाली का टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया गया है। सीथ ही कई हाइ-रिजोल्यूशन कैमरे भी हैं जो उपग्रह की ऑन बोर्ड प्रणाली द्वारा ही संचालित होंगे। इसकी एक और खासियत ये है कि ये 50 मीटर से 1.5 किलोमीटर की रिजोल्यूशन में फोटो ले सकता है।
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