क्या महंगा होगा पेट्रोल-डीजल? ईरान-इजरायल संघर्ष के बाद बढ़ी क्रूड ऑयल की कीमतें, जानिए भारत पर होगा कितना असर
इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष ने वैश्विक चिंताएं बढ़ा दी हैं खासकर तेल आपूर्ति पर निर्भर देशों में। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 78 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने से ऊर्जा बाजार में नकारात्मक असर दिख रहा है। भारत सीधे ईरान से तेल आयात नहीं करता लेकिन होर्मुज जलडमरूमध्य से गुजरने वाले कच्चे तेल और एलएनजी व्यापार पर असर पड़ सकता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल और ईरान के बीच शुरू हुए संघर्ष ने दुनिया की चिंताएं बढ़ा दी हैं। खास तौर पर वो देश परेशान हैं, जो कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए ईरान या ईरान के पास से गुजरने वाले रूट पर निर्भर हैं। अगर इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष जारी रहा है, तो दुनिया के अधिकांश हिस्से में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होगी।
इसका एक असर ये भी होगा कि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी और वैश्विक ऊर्जा बाजार में नकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। शनिवार को बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत में 6 डॉलर का इजाफा देखने को मिला और यह 78 डॉलर प्रति बैरल के आंकड़े को पार कर गया।
5 महीने के उच्चतम स्तर पर कीमतें
ब्रेंट क्रूड की कीमतों में आया ये उछाल पिछले 5 महीने का उच्चतम स्तर है। अगर ये वृद्धि जारी रही, तो माना जा रहा है कि भारत में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं। हालांकि कुछ विश्लेषकों का कहना है कि जब तक तेल का सीधा निर्यात प्रभावित नहीं होगा, कीमतों पर असर नहीं पड़ेगा।
बता दें कि भारत ईरान से तेल का सीधे आयात नहीं करता है। लेकिन कच्चे तेल और एलएनजी ट्रेड का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है, जो ईरान और अरब प्रायद्वीप के बीच स्थित है। इराक, सऊदी अरब और यूएई से भारत आने वाला कच्चा तेल इसी रास्ते से गुजरता है।
गैस और तेल मार्केट पर पड़ेगा असर
- इसके पहले जब ईरान और इजरायल में संघर्ष हुआ था, तो कीमतों पर असर पड़ा था। कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने का सीधा मतलब है ईंथन की ज्यादा लागत और माल ढुलाई की कीमतों में बढ़ोतरी। अगर ईरान और इजरायल में जारी संघर्ष लंबा चल जाता है या युद्ध में बदल जाता है, तो गैस और तेल मार्केट पर दीर्घकालिक असर पड़ेगा।
- हालांकि कच्चे तेल के उत्पादन में बीते कुछ समय में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। यही वजह है कि बाजार में आपूर्ति अच्छी बनी हुई है। हालांकि ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष का क्या असर होगा, इसका जवाब भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है।
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