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    International Road Federation: खराब रखरखाव, पर्याप्त संकेतक नहीं होने से हुई मिस्त्री के कार की टक्कर, IRF ने दी जानकारी

    By AgencyEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Tue, 27 Sep 2022 11:08 PM (IST)

    आइआरएफ (IRF) ने एक बयान में कहा कि आडिट भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की सहमति के बाद किया गया था और कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और एनएचएआइ को सौंप दी गई है।

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    सायरस मिस्त्री की दुर्घटना में मौत जिस राजमार्ग पर हुई थी। आइआरएफ की एक टीम द्वारा उसका आडिट किया गया।

    नई दिल्ली, पीटीआई। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री की कार दुर्घटना में मौत जिस राजमार्ग पर हुई थी, उसके सुरक्षा आडिट में खराब रखरखाव, चालकों की मदद के लिए अपर्याप्त संकेतकों और संबंधित खंड पर दो दर्जन से अधिक स्थानों पर खुले मार्ग को लेकर चिंता जताई गई है। इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आइआरएफ) के भारत चैप्टर की एक टीम द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर महाराष्ट्र में मंडोर और गुजरात में अछाड़ के बीच 70 किलोमीटर के खंड का सड़क सुरक्षा आडिट किया गया था।

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    मिस्त्री और एक अन्य सह-यात्री की गत चार सितंबर को इस खंड पर कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। फेडरेशन के मानद अध्यक्ष केके कपिला ने कहा कि आडिट में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कम लागत वाले तात्कालिक उपायों की सिफारिश की गई है।

    आइआरएफ ने रिपोर्ट राजमार्ग मंत्रालय और एनएचएआइ को सौपी

    कपिला ने कहा कि इन तात्कालिक उपायों के तहत घुमावदार मार्गों और पुलों से पहले अधिकतम गति सीमा बताने वाले संकेतकों, ओवरटेकिंग के खिलाफ चेतावनी, त्वरित रखरखाव, बीच-बीच में खुली जगहों को बंद करने तथा चालकों को गाइड करने के लिए उचित संकेतकों को अंकित करने की सिफारिश की गई है। पालघर में घातक दुर्घटना के एक हफ्ते बाद ही आडिट किया गया था।

    आइआरएफ ने एक बयान में कहा कि आडिट भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की सहमति के बाद किया गया था और कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और एनएचएआइ को सौंप दी गई है।

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    आइआरएफ-इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष सतीश पारख ने कहा कि आडिट में पाया गया कि महाराष्ट्र के मंडोर और गुजरात के अछाड के बीच एनएच-48 के 70 किलोमीटर के हिस्से में फ्लाईओवर, वाहनों के अंडरपास, पैदल यात्री अंडरपास, पुल और पुलिया सहित कई छोटे-बड़े ढांचे हैं।

    पारख ने कहा, 'जिस स्थान पर यह घातक दुर्घटना हुई, वहां तीसरी लेन के लिए एक साधारण मोड़ है, जिसे उचित संकेतकों के बिना अवैज्ञानिक और गैर-मानक तरीकों से बनाया गया है।'

    मानक डिजाइन के अनुसार, किसी भी छह लेन वाले राजमार्ग पर कोई मध्य मार्ग नहीं होना चाहिए। रिपोर्ट में बीच से खुले मार्गों को जल्द से जल्द बंद करने की सिफारिश की गई है।

    राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान गई अर्थात प्रतिदिन औसतन 426 या हर घंटे 18 लोग दुर्घटना के शिकार हुए हैं, जो अब तक किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज मौत का सर्वाधिक आंकड़ा है।

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