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Assam: जिहादियों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले IPS अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह होंगे असम के अगले DGP

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक सरकारी समारोह में भाषण के दौरान ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह का अगला डीजीपी बनने का जिक्र किया। सिंह ने नियुक्ति के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह राज्य के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना जारी रखेंगे।

By AgencyEdited By: Shashank MishraPublished: Sat, 28 Jan 2023 03:32 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jan 2023 03:32 PM (IST)
Assam: जिहादियों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले IPS अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह होंगे असम के अगले DGP
असम पुलिस का नेतृत्व करने के लिए मुझ पर भरोसा जताने के लिए असम के माननीय मुख्यमंत्री का आभार। (फोटो-एएनआई)

गुवाहाटी, पीटीआई। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह असम के अगले पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) होंगे। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को यह जानकारी दी। ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, वर्तमान में राज्य पुलिस बल में एक विशेष डीजीपी हैं जो भास्कर ज्योति महंत से पदभार ग्रहण करेंगे।

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मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक सरकारी समारोह में भाषण के दौरान ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह का अगला डीजीपी बनने का जिक्र किया। जब बाद में पत्रकारों द्वारा नई नियुक्ति के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "यह एक नियमित मामला है ..." सरमा ने कहा, "गृह विभाग द्वारा शुक्रवार को अधिसूचना जारी की गई थी, हालांकि आधिकारिक आदेश अभी तक मीडिया के साथ साझा नहीं किया गया है।"

1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह

सिंह ने नियुक्ति के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह राज्य के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, "हम पिछले कुछ वर्षों में, विशेष रूप से पिछले डेढ़ वर्षों में वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्राप्त गति को बनाए रखने के लिए काम करना जारी रखेंगे।"

ट्विटर पर, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने लिखा: “माँ कामाख्या के आशीर्वाद से, मैं असम के लोगों की सेवा करने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूँ। गौरवशाली असम पुलिस का नेतृत्व करने के लिए मुझ पर भरोसा जताने के लिए असम के माननीय मुख्यमंत्री का आभार।”

1991 बैच के असम-मेघालय कैडर के अधिकारी, सिंह दिसंबर 2019 में अतिरिक्त डीजीपी (कानून और व्यवस्था) के रूप में असम लौटे थे, जब राज्य में सीएए विरोध चरम पर था।राज्य वापस भेजे जाने से पहले वह नई दिल्ली में NIA के IGP के रूप में कार्यरत थे। वह पहले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) का भी हिस्सा थे।

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