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    समुद्र की गहराई में बिछे महीन तारों से जुड़ती है दुनिया! पढ़ें इंटरनेट से जुड़ी रोचक बातें

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 04:10 PM (IST)

    इंटरनेट हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो समुद्र में बिछे तारों के माध्यम से हमारे मोबाइल और कंप्यूटर तक पहुंचता है। दुनिया का 95% से अधिक इंटरनेट और फोन कॉल्स फाइबर ऑप्टिक तारों से होकर गुजरते हैं। ये तार पाइप जैसे मोटे होते हैं और तांबे और वाटरप्रूफ मटेरियल से कवर होते हैं। दुनिया में लगभग 400 से अधिक सबमरीन केबल्स हैं।

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    इंटरनेट समुद्र में बिछे तारों से जुड़ती है दुनिया!

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंटरनेट हमारे और आपके जीवन के अहम हिस्सा बन गया है, थोड़ी देर के लिए भी इंटरनेट की कनेक्टिविटी में रुकावट हमें परेशान कर देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये इंटरनेट आपके मोबाइल और कंप्यूटर तक कैसे पहुंचता है?

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    बता दें कि इंटरनेट हवा में नहीं तैरता बल्कि समुद्र में बिछे गहरे महीन तारों पर दौड़ता है। यही महीन तार पूरी दुनिया को आपस में जोड़ते हैं लेकिन हमें दिखाई नहीं देते। इंटरनेट की मदद से हम कुछ ही सैकेंडों में लाखों किलोमीटर दूर बैठे किसी व्यक्ति से सीधे जुड़ जाते हैं।

    समुद्र में बिछे तारों पर तैरता है इंटरनेट

    दुनिया का 95 प्रतिशत से ज्यादा इंटरनेट और फोन कॉल्स समुद्र के नीचे बिछे फाइबर ऑप्टिक तारों से होकर गुजरते हैं। सैटेलाइट का इस्तेमाल सिर्फ 3 से 4 प्रतिशत ही होता है। यह जानकारी टेली जियोग्राफी और इंटरनेशनल केबल प्रोटेक्शन कमेटी जैसी विश्वसनीय संस्थाओं से लिया गया है।

    अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि गहरे समुद्र में ये तार कैसे दिखते होंगे, कितने लंबे होंगे और ये सुरक्षित कैसे रहते हैं?

    गहरे समुद्र में फाइबर ऑप्टिक तार

    आपको बता दें कि ये तार पाइप जैसे मोटे होतें है और इनकी अंदर बहुत ही महीन फाइबर ऑप्टिक तार होते हैं, जिनमें डेटा प्रकाश की रफ्तार से दौड़ता है। बाहर की परत तांबे और वाटरप्रूफ मटेरियल से कवर होती है, जिससे के वह गहरे समुद्र में भी सुरक्षित रहे।

    बाहर से ये तार पाइप जैसे मोटे होते हैं। अंदर इनमें बहुत पतले फाइबर ऑप्टिक तार होते हैं, जिनमें डेटा रोशनी की रफ्तार से चलता है। बाहर की परत तांबे और वाटरप्रूफ सामग्री से ढकी होती है ताकि ये सुरक्षित रहें। मिली जानकारी के मुताबिक, दुनिया में करीब 400 से ज्यादा सबमरीन केबल्स हैं। इनकी कुल लंबाई लगभग 14 लाख किलोमीटर है।

    कौन बिछाता फाइबर ऑप्टिक तार?

    पहले टेलीकॉम कंपनियां ये तार बिछाती थीं, लेकिन अब गूगल, फेसबुक (मेटा), अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक कंपनियां अपने तार बिछा रही हैं।

    फाइबर ऑप्टिक तारों को किससे खतरा?

    इन तारों को सबसे ज्यादा खतरा जहाजों के लंगर से होता है। इसके अलावा भूकंप या समुद्र में ज्वालामुखी विस्फोट से भी ये टूट सकते हैं। इसलिए इनकी सुरक्षा बहुत जरूरी है।

    डेटा की स्पीड कितनी है?

    ये तार हर सेकंड सैकड़ों टेराबाइट डेटा भेज सकते हैं। जैसे, गूगल की ग्रासहॉपर केबल हर सेकंड 350 टेराबाइट डेटा ट्रांसफर कर सकती है। यह समुद्र के नीचे बिछे एक शानदार तारों के जाल पर चलता है, जो पूरी दुनिया को जोड़ता है। 

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