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    भारत-आस्ट्रेलिया में हुआ अंतरिम व्यापार समझौता, पीएम मोदी बोले-आपसी विश्वास को दर्शाता है यह समझौता

    By Mahen KhannaEdited By:
    Updated: Sat, 02 Apr 2022 11:10 AM (IST)

    आज एक वर्चुअल समारोह में भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और आस्ट्रेलिया के वाणिज्य मंत्री डैन टेहान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके आस्ट्रेलियाई समकक्ष स्काट मारिसन भी इसमें मौजूद रहे।

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    वर्चुअल समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी। (फोटो-एएनआइ)

    नई दिल्ली, एएनआइ: लगभग एक दशक के प्रयास के बाद आखिरकार भारत और आस्ट्रेलिया अंतरिम आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (IndAus ECTA) पर हस्ताक्षर हो गए हैं। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और आस्ट्रेलिया के वाणिज्य मंत्री डैन टेहान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस बीच इस वर्चुअल समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इतने कम समय में इस महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास को दर्शाती है। 

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    आस्ट्रेलियाई पीएम ने की 28.2 करोड़ के निवेश की घोषणा

    दूसरी ओर आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्काट मारिसन ने कहा कि जब से दोनों देशों ने अपनी व्यापक, रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है, हमारे सहयोग की गति और पैमाना उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने इसी के साथ भारत के साथ 28.2 करोड़ के व्यापार समझौते की भी घोषणा की। 

    मोरिसन ने आगे कहा कि यह भारत के साथ उनका सबसे बड़ा आस्ट्रेलियाई सरकार का निवेश है, लेकिन यह आखरी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस समझौते पर हस्ताक्षर दोनों देशों के आर्थिक संबंधों के वादे को और पक्का करेगा।

    10 लाख रोजगार मिलेंगे, वर्क वीजा पर भी सहमति

    समाराेह में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-आस्ट्रेलिया स्वाभाविक साझेदार हैं, जो लोकतंत्र और पारदर्शिता के साझा मूल्यों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्रों ने महामारी के दौरान भी भाइयों की तरह एक दूसरे का समर्थन किया था। मंत्री ने कहा कि इस समझौते से अगले 4-5 वर्षों में भारत में 10 लाख रोजगार सृजन होने की उम्मीद है और दोनो देशों बीच शिक्षा संस्थानों के सहयोग पर भी चर्चा हुई है।

    केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि हमारे लाखों बच्चे वहां पढ़ रहे हैं और उन सबके लिए एक तरह से वर्क वीजा को कानूनी तौर पर इस एग्रीमेंट के द्वारा लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि ये एग्रीमेंट भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मित्रता और एकता का प्रतीक बनेगा।

    निर्यातकों को नहीं देना होगा कोई टैरिफ

    जानकारी के अनुसार, दोनों देशों के बीच अंतरिम व्यापार समझौता लागू होने के तुरंत बाद चमड़ा, कपड़ा, आभूषण और मशीनरी उद्योगों के भारतीय निर्यातकों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच प्राप्त होगी। भारत में केंद्रीय मंत्रिमंडल और ऑस्ट्रेलिया में संसद से मंजूरी मिलने के बाद यह समझौता पारस्परिक रूप से सहमत तारीख पर लागू होगा। अंतरिम समझौते के लागू होने के पहले ही दिन भारतीय निर्यातकों के लिए 6,000 से अधिक टैरिफ लाइनें बिना किसी शुल्क पर उपलब्ध होंगी।

    पहले दिन से 4-5 फीसद सीमा शुल्क से छुटकारा

    बता दें कि यह समझौता वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार को शामिल करता है जिससे वस्तुओं और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके तहत आस्ट्रेलिया पहले दिन से ही भारत के निर्यात के लगभग 96.4 प्रतिशत मूल्य पर कोई शुल्क नहीं लगाएगा और इसमें ऐसे उत्पाद शामिल हैं, जिन पर वर्तमान में आस्ट्रेलिया में 4-5 फीसद सीमा शुल्क लगता है।

    दूसरी ओर, भारत आस्ट्रेलिया के लिए अपनी 70 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लाइनों में शून्य शुल्क पहुंच की पेशकश करेगा जिसमें कोयले जैसे उत्पाद शामिल होंगे। आस्ट्रेलिया लगभग 74 प्रतिशत कोयले का आयात करता है और वर्तमान में इस पर 2.5 प्रतिशत शुल्क लगता है।

    इन चीजों पर होगा फायदा

    जिन क्षेत्रों को इस समझौते से फायदा होगा उनमें कपड़ा और परिधान, जूते, फर्नीचर, खेल के सामान, आभूषण, मशीनरी, बिजली के सामान, रेलवे वैगन, चयनित दवा उत्पाद और चिकित्सा आदि शामिल हैं। संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए, भारत में बहिष्करण श्रेणी में कई सामान हैं जिनमें कोई शुल्क रियायत नहीं दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार समझौते में आयात में किसी भी असामान्य उछाल से निपटने के लिए एक सुरक्षा तंत्र होगा। ऐसे सामानों में दूध और अन्य डेयरी उत्पाद शामिल होंगे।