इंश्योरेंस संशोधन बिल को कैबिनेट की मंजूरी, 100 प्रतिशत FDI का प्रस्ताव
कैबिनेट ने इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने के लिए संशोधन बिल को मंजूरी दी। इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा, जिसका शीतका ...और पढ़ें

इंश्योरेंस संशोधन बिल को कैबिनेट की मंजूरी (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इंश्योरेंस सेक्टर में सरकार बड़ा बदलाव लाने जा रही है। इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के लिए कैबिनेट ने इससे जुड़े संशोधन बिल को मंजूरी दे दी।
अब इस संशोधन बिल को संसद में पेश किया जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र आगामी 19 दिसंबर तक च लेगा। संसद में पेश करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी आवश्यक है। इस बिल में एफडीआई सीमा बढ़ाने के साथ उपभोक्ताओं के हितों का भी ध्यान रखा गया है।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई थी। इस साल फरवरी में पेश बजट में इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई लाने की घोषणा की गई थी। अब तक इंश्योरेंस सेक्टर में 82,000 करोड़ का विदेशी निवेश हो चुका है।
बिल से उपभोक्ताओं को क्या मिलेगा फायदा
इस बिल के कानून बनने के बाद इंश्योरेंस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जिसका फायदा उपभोक्ताओं को मिल सकता है। सरकार ने वर्ष 2047 तक देश के हर नागरिक को इंश्योरेंस के दायरे में लाने का लक्ष्य तय किया है।
बिल के प्रस्ताव के मुताबिक इंश्योरेंस लेने वाले उपभोक्ताओं के हितों के लिए एक उपभोक्ता सुरक्षा फंड का निर्माण किया जाएगा। इसे पालिसी होल्डर्स एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड का नाम दिया जाएगा। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) की देखरेख में डिजिटल पब्लिक इंफ्रा का विकास किया जाएगा।
इंश्योरेंस कानून में बदलाव का उद्देश्य इस सेक्टर में अधिक से अधिक कंपनियों व कारोबारियों को प्रवेश दिलाना है ताकि बाजार में विभिन्न प्रकार की जरूरतों के मुताबिक छोटे-छोटे उत्पाद आ सके और विक्रेताओं के बीच प्रतिस्पर्धा हो। इंश्योरेंस नियम को और पारदर्शी और स्तरीय बनाने का भी बिल में प्रस्ताव रखा गया है। उपभोक्ता मंत्रालय में इंश्योरेंस दावा नकारने की काफी शिकायतें आती हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।