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    Infosys ने 700 फ्रेशर्स को दिखाया बाहर का रास्ता, फैसले के पीछे बताई ये वजह

    Updated: Fri, 07 Feb 2025 08:35 PM (IST)

    टेक कंपनी Infosys ने करीब 700 फ्रशर्स को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जानकारी के अनुसार इन लोगों ने अक्तूबर 2024 में कंपनी को ज्वाइन किया था। एनआईटीईएस ने दावा किया है कि निकाले गए नए कर्मचारियों से गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। उधर कंपनी ने कहा कि निकाले गए फ्रेशर्स कई आंतरिक परीक्षणों को पास करने में विफल रहे।

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    इंफोसिस ने 700 फ्रेशर्स को नौकरी से निकाला। (फाइल फोटो)

    आईएएनएस, नई दिल्ली। दिग्गज टेक कंपनी इंफोसिस ने 700 से अधिक नए कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इन सभी ने हाल के दिनों में ही कंपनी को ज्वॉइन किया था। आईटी कर्मचारी यूनियन नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (एनआईटीईएस) ने शुक्रवार को ये दावा किया।

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    दरअसल, यूनियन ने दावा किया कि नए कर्मचारियों को कंपनी में शामिल होने के कुछ ही महीनों बाद नौकरी से निकाल दिया गया। इसके अलावा, निकाले गए नए कर्मचारियों से गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं, एनआईटीईएस ने कहा कि यह छंटनी के विवरण को दबाने का प्रयास हो सकता है।

    700 कर्मचारियों को दिखाया बाहर का रास्ता

    एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने एक बयान में कहा, "एक चौंकाने वाले और अनैतिक कदम के तहत इंफोसिस ने लगभग 700 कैंपस भर्तियों को जबरन नौकरी से निकालना शुरू कर दिया है, जिन्हें कुछ महीने पहले ही शामिल किया गया था।"

    इसके साथ ही एनआईटीईएस ने आरोप लगाया कि कंपनी ने कर्मचारियों को डराने के लिए बर्खास्तगी प्रक्रिया के दौरान बाउंसर और सुरक्षा कर्मियों को भी तैनात किया था। सलूजा ने दावा किया कि ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि कर्मचारी मोबाइल फोन न ले जाएं और उनके पास घटना का दस्तावेजीकरण करने या मदद मांगने का कोई रास्ता न बचे। यूनियन ने इन बर्खास्तगी की अचानक प्रकृति और प्रभावित कर्मचारियों पर पड़ने वाले प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है।

    इंफोसिस ने क्या कहा?

    इस पूरे घटना को लेकर इंफोसिस ने एक बयान जारी किया है। इंफोसिस ने एक बयान में कहा कि निकाले गए फ्रेशर्स कई आंतरिक परीक्षणों को पास करने में विफल रहे, जो ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया का हिस्सा हैं। सभी फ्रेशर्स को मूल्यांकन पास करने के लिए तीन प्रयास मिलते हैं, ऐसा न करने पर वे संगठन के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगे, जैसा कि उनके अनुबंध में भी उल्लेख किया गया है।

    दशकों से चलती है ये प्रक्रिया

    वहीं, आईटी प्रमुख ने एक बयान में कहा कि यह प्रक्रिया दो दशकों से अधिक समय से अस्तित्व में है। हालांकि, कंपनी ने तर्क दिया कि ये उपाय यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं कि केवल उन लोगों को ही रखा जाए जो आवश्यक मानकों को पूरा करते हैं।

    इंफोसिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग

    उधर, एनआईटीईएस ने कहा कि वह श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ एक आधिकारिक शिकायत दर्ज कर रही है, जिसमें तत्काल हस्तक्षेप और इंफोसिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।

    सलूजा ने कहा कि इस ज़बरदस्त कॉर्पोरेट शोषण को जारी रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, और हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह भारतीय आईटी कर्मचारियों के अधिकारों और सम्मान को बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई करे।

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