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    नारायण मूर्ति ने दोहराई 70 घंटे काम करने की बात, युवाओं से की ये खास अपील

    Updated: Mon, 16 Dec 2024 10:00 PM (IST)

    भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति ने एक बार फिर से हफ्ते में 70 दिन काम करने की बात को दोहराया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवाओं को कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि युवा पीढ़ी को यह अहसास होना चाहिए कि उन्हें कड़ी मेहनत करनी है और देश को नंबर एक बनाने की दिशा में काम करना है।

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    इंफोसिस के सह-संस्थापक ने दोहराई 70 घंटे काम करने की बात (फोटो- सोशल मीडिया)

    आईएएनएस, नई दिल्ली। भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने फिर सप्ताह में 70 घंटे काम करने की बात दोहराते हुए युवाओं से देश के विकास के लिए कड़ी मेहनत करने की अपील की है। मूर्ति ने सबसे पहले साल 2023 में देश के विकास को बढ़ावा देने के लिए 70 घंटे काम करने के विचार का सुझाव दिया था।

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    युवा पीढ़ी को करनी होगी कड़ी मेहनत

    हालांकि, कई लोगों और कुछ डाक्टरों ने उनकी आलोचना की, लेकिन ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल सहित कई लोगों ने इसकी सराहना भी की थी। मूर्ति ने कोलकाता में एक कार्यक्रम में कहा कि युवा पीढ़ी को यह अहसास होना चाहिए कि उन्हें कड़ी मेहनत करनी है और देश को नंबर एक बनाने की दिशा में काम करना है। उन्होंने भारतीयों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

    रोजगार सृजित करें

    मूर्ति ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के शताब्दी समारोह में आरपीएसजी ग्रुप के चेयरमैन संजीव गोयनका से बातचीत में कहा, 'हम भारतीयों के पास करने के लिए बहुत कुछ है। हमें अपनी आकांक्षाएं बड़ी रखनी होंगी क्योंकि 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन मिलता है। इसका मतलब है कि 80 करोड़ भारतीय गरीबी में हैं। अगर हम कड़ी मेहनत करने की स्थिति में नहीं, तो कौन करेगा? मूर्ति ने कहा कि एक देश गरीबी से केवल तभी लड़ सकता है जब वह ऐसे रोजगार सृजित करें जो खर्च करने लायक आय दें।

    उन्होंने कहा कि उद्यमिता में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उद्यमी धन व रोजगार का सृजन कर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उद्यमी राष्ट्र का निर्माण करते हैं क्योंकि वे रोजगार पैदा करते हैं, वे अपने निवेशकों के लिए धन सृजन करते हैं व करों का भुगतान करते हैं। इसलिए, कोई देश पूंजीवाद को अपनाता है, तो वह अच्छी सड़कें, ट्रेनें और अच्छा बुनियादी ढांचा तैयार करेगा।

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