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    चीन जाएंगे अजीत डोभाल, पांच साल बाद खास बैठक; क्या सीमा विवाद का होगा अंत?

    By Agency Edited By: Sachin Pandey
    Updated: Mon, 16 Dec 2024 10:35 PM (IST)

    Ajit Doval China Visit भारत और चीन के बीच बीते कुछ समय से दूरियां कम होती नजर आ रही हैं। कजान में भारती के पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद संबंधों में सुधार देखा गया है। अब अजीत डोभाल विशेष प्रतिनिधि वार्ता में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को चीन की यात्रा पर जाएंगे। पढ़ें पूरी जानकारी।

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    अजीत डोभाल विशेष प्रतिनिधि वार्ता में हिस्सा लेने के लिए चीन के दौरे पर जाएंगे।

    पीटीआई, बीजिंग। भारतीय एनएसए अजीत डोभाल विशेष प्रतिनिधि वार्ता के लिए मंगलवार को चीन के दौरे पर जाएंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सीमा मुद्दों पर भारत और चीन के बीच बुधवार को बीजिंग में विशेष प्रतिनिधि वार्ता होगी। पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने के 21 अक्टूबर के समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों की बहाली पर चर्चा करने के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि (एसआर) मिलेंगे।

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    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बताया कि सहमति के अनुसार, केंद्रीय विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बीजिंग में चीन-भारत सीमा प्रश्न के लिए विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक करेंगे।

    मंगलवार को चीन पहुंचेंगे डोभाल 

    सूत्रों के अनुसार, अजीत डोभाल मंगलवार को महत्वपूर्ण वार्ता में भाग लेने के लिए पहुंचेंगे, जिससे दोनों देशों को संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आगे का रास्ता साफ होने की उम्मीद है। 3488 किलोमीटर तक फैली भारत-चीन सीमा के विवाद को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए 2003 में गठित एसआर तंत्र की पिछले कुछ वर्षों में 22 बार बैठकें हुईं।

    इससे पहले विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की वार्ता पांच साल पहले दिसंबर 2019 में नई दिल्ली में हुई थी। वार्ता के इस तंत्र को बहाल करने का निर्णय 23 अक्टूबर को कजान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई बैठक में लिया गया था। भारत और चीन ने पांच दिसंबर को अपनी कूटनीतिक वार्ता में विशेष प्रतिनिधि वार्ता की तैयारी की थी।

    पांच साल बाद होगी वार्ता

    वार्ता के लिए भारत के विशेष प्रतिनिधि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल हैं, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री वांग यी कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के कारण पिछले पांच साल में कोई विशेष प्रतिनिधि वार्ता नहीं हुई। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था। तब जून में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया था।