इंदौर: एग्जाम कैंसिंल कराने के लिए फैलाई प्रिंसिपल की मौत की अफवाह, आरोपी छात्रों के खिलाफ FIR
इंदौर के एक सरकारी कॉलेज के छात्रों ने परीक्षा रद्द कराने के लिए प्राचार्य की झूठी मृत्यु का पत्र सोशल मीडिया पर फैलाया। पुलिस ने दो छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने प्राचार्य की मृत्यु का फर्जी पत्र बनाकर परीक्षाओं को स्थगित करने की अफवाह फैलाई। प्राचार्य ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

इंदौर का होलकर साइंस कॉलेज। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंदौर के एक प्रतिष्ठित सरकारी कॉलेज के कुछ छात्रों ने कथित तौर पर अपने प्रिंसिपल की 'मृत्यु' का फेक लेटर बनाकर परीक्षाएं रोकने के लिए उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कॉलेज के दो छात्रों के खिलाफ कथित तौर पर फेक लेटर बनाने और कुछ दिन पहले उसे सोशल मीडिया पर शेयर करने का मामला दर्ज किया गया है।
दो छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज
भंवरकुआं थाना प्रभारी राजकुमार यादव ने बताया कि शासकीय होलकर विज्ञान महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनामिका जैन की शिकायत पर बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (BCA) के तीसरे सेमेस्टर के दो छात्रों के खिलाफ बुधवार रात मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336(4) (किसी व्यक्ति को बदनाम करने के इरादे से जानबूझकर झूठा दस्तावेज तैयार करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
परीक्षा रोकने के लिए फैलाई प्रिंसिपल की मौत की अफवाह
पुलिस अधिकारी के अनुसार, छात्रों के नियमित मूल्यांकन के लिए ऑनलाइन परीक्षाओं को रोकने और कक्षाओं को स्थगित करने की कथित साजिश के तहत, दोनों आरोपियों ने कॉलेज प्रिंसिपल की "मृत्यु" का दावा करते हुए एक झूठा लेटर तैयार किया और 14 अक्टूबर को इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।
सोशल मीडिया पर वायरल किया पत्र
कॉलेज के एक अधिकारी ने बताया कि 'महत्वपूर्ण सूचना' शीर्षक वाला यह लेटर संस्थान के लेटरहेड की नकल करके बनाया गया था और इसमें कहा गया था कि प्रिंसिपल जैन के "आकस्मिक निधन" के कारण, 15-16 अक्टूबर को होने वाली ऑनलाइन परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं और सभी विषयों की कक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।
संपर्क करने पर, जैन ने पीटीआई को बताया, "सोशल मीडिया पर इस फर्जी पत्र के प्रसारित होने के बाद मैं और मेरा परिवार बेहद व्यथित हैं। पत्र को असली मानकर कई लोग अपनी संवेदना व्यक्त करने मेरे घर भी आए।"
प्रिंसिपल ने आरोपियों के खिलाफ की सख्त कार्रवाई की मांग
उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को दोनों आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। किसी का नाम लिए बिना, प्रिंसिपल ने आरोप लगाया कि कॉलेज में कुछ असंतुष्ट तत्व उन्हें उनके आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के लिए विभिन्न दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के माध्यम से परेशान कर रहे हैं।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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