कभी अपराध से सने थे हाथ, अब कैदी मशीन से पीसेंगे धनिया, हल्दी और मिर्च; हर घर की किचन में खुशबू फैलाएंगे मसाले
इंदौर सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए मसाला पीसने का काम शुरू किया जाएगा। कैदी धनिया हल्दी मिर्च और गरम मसाले पीसेंगे। जेल एवं सुधार सेवाएं विभाग के महानिदेशक गोविंद प्रताप सिंह ने मां अहिल्या मसाला उद्योग का उद्घाटन किया। कैदियों को उद्योगों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे रिहा होने के बाद वे स्वरोजगार कर सकें।

पीटीआई, इंदौर। सेंट्रल जेल के अंदर बंद कैदियों से जेल प्रशासन कई तरह के काम करवाता है और खास ट्रेनिंग भी देता है, जिससे कि बाहर आकर वो कुछ काम कर सकें और उनकी जिंदगी आसान हो सके। इसी क्रम में मध्य प्रदेश के इंदौर की सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए मसाले पीसने का काम शुरू किया जाएगा।
यहां के कैदी जल्द ही धनिया, हल्दी और मिर्च के साथ-साथ गरम मसाले पीसते नजर आएंगे। ये मसाले जेल की रसोई के साथ-साथ बाहर की किचन में भी खुशबू फैलाएंगे। मध्य प्रदेश के जेल एवं सुधार सेवाएं विभाग के महानिदेशक गोविंद प्रताप सिंह ने गुरुवार को गुरु पूर्णिमा के मौके पर सेंट्रल जेल में मां अहिल्या मसाला उद्योग का उद्घाटन किया।
कैदियों की दी जा रही ट्रेनिंग
उन्होंने कहा, "हम कैदियों को अलग-अलग उद्योगों में प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिन्हें शुरू करने के लिए बहुत कम पूंजी की आवश्यकता होती है। यह जेल से रिहा होने के बाद उन्हें स्वरोजगार खोजने में मददगार साबित होगा।" जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि कैदी ऑटोमैटिक मशीनों से धनिया, हल्दी, कश्मीरी लाल मिर्च और गरम मसाला जैसे मसाले बनाएंगे।
आम जनता की रसोई तक भी पहुंचेंगे मसाले
उन्होंने कहा, "कैदियों की ओर से तैयार किए गए मसालों का इस्तेमाल इंदौर और आसपास के जिलों की जेलों की रसोई में किया जाएगा। ये मसाले आम जनता के लिए भी 250 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलोग्राम के पैकेट में केंद्रीय जेल के बाहर स्थित बिक्री केंद्र पर उपलब्ध होंगे।"
सोनकर ने कहा कि वह जिला प्रशासन से जेल विभाग को सरकारी छात्रावासों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को मसाले आपूर्ति करने की अनुमति देने का भी अनुरोध करेंगी।
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